Rajasthan New Distrcit On Independence Day: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास और जनभावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य सरकार ने नए जिलों और संभागों का सृजन किया है. विकेन्द्रीकरण से प्रशासन की क्षमताएं बढ़ेगी और कानून व्यवस्था को मजबूती मिलेगी. आमजन के प्रशासनिक कार्यों की सुगमता के लिए उन्होंने अधिकारियों को नए जिलों के शीर्घ ही पूर्ण रूप से क्रियाशील होने संबंधी दिशानिर्देश दिए. 


उन्होंने कहा कि पिछले 60 सालों में मात्र 7 नए जिलों का गठन हुआ, जबकि इस अवधि में प्रदेश की जनसंख्या में तीन गुना बढ़ोतरी हुई. जुलाई 2006 में राज्य का नएतम प्रतापगढ़ जिला घोषित हुआ था, जो 2008 में क्रियाशील हुआ. राज्य की वर्तमान जनसंख्या एवं भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए हमने 17 मार्च 2023 को नए जिले और संभाग के सृजन की घोषणा की थी, जो कि मात्र 5 माह की अवधि में ही क्रियाशील हो चुके हैं.


मुख्यमंत्री ने नए जिला मुख्यालयों पर स्वतंत्रता दिवस का दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए. इन आयोजनों में दिनांक 14 अगस्त को पर्यटन विभाग द्वारा सांस्कृतिक संध्या, सजावटी लाइटिंग और आतिशबाजी की जाएगी और 15 अगस्त को मुख्यालय पर गरिमापूर्ण स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जाएगा.


नए जिलों में समस्त प्रमुख कार्यालय प्रारंभ
17 नए जिले में जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय प्रारंभ हो चुके हैं. नए रेंजों में एडीजी को रेंज प्रभारी नियुक्त किया जा चुका है. संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्ट्रेट सहित सभी मुख्य विभागों के जिला स्तरीय कार्यालयों के लिए पद सृजन की कार्रवाई की जा चुकी है. पुलिस विभाग द्वारा प्रत्येक नए जिले के लिए 50 का अतिरिक्त जाबता आरक्षित करते हुए नए पदों पर पदस्थापन किया जा चुका है. 


जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक जिला कलेक्ट्रेट के लिए 1 करोड़ रुपए एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए 60 लाख रुपए का आवंटन किया जा चुका है. नए जिला मुख्यालयों पर सर्किट हाउस सहित समस्त जिला स्तरीय सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी. नए जिलों में जिला एवं सत्र न्यायालयों की स्थापना भी की जाएगी.  इस बाबत आवश्यक प्रस्ताव माननीय उच्च न्यायालय को सहमति के लिए प्रेषित किए जाएंगे. 


कार्यालयों के भूमि का चयन
मिनी सचिवालय व कलेक्ट्रेट के लिए भूमि चयन को अंतिम रूप अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में गठित एक राज्य स्तरीय समिति द्वारा दिया जाएगा. इसके लिए नए जिलों से पूर्व में प्राप्त प्रस्तावों को भी इस समिति द्वारा रिव्यू किया जाएगा. सुनियोजित विकास के दृष्टिगत नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों की कमेटी द्वारा मौके पर जाकर मिनी सचिवालय-जिला कलेक्ट्रेट के लिए उपयुक्तता का परीक्षण किया जाकर राज्य स्तरीय समिति को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. 


उक्त समिति द्वारा यह भी ध्यान रखा जाएगा कि यदि भूमाफियाओं एवं अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा भूमि की खरीद फरोक्त की गई है, तो आवश्यक होने पर मिनी सचिवालय और जिला कलेक्ट्रेट के लिए चिन्हित भूमि एवं आसपास के क्षेत्र में भू-रूपांतरण पर रोक भी लगाई जा सकेगी. 


नगर पालिकाओं के लिए ये काम होगा 
सैद्धांतिक रूप से निर्णय लिया गया कि जिला मुख्यालय की नगर पालिकाओं को विधिवत रूप से परीक्षण कर नगर परिषद में क्रमोन्नत किया जाएगा. नए जिलों में जिला परिषदों के निर्वाचन तक जिला परिषद संबंधी कार्यों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक नए जिले में अतिरिक्त मुख्य कार्याकारी अधिकारी जिला परिषद का एक-एक पद सृजित किया जाएगा. बैठक में विभिन्न जिला स्तरीय समितियों के लिए शीघ्र ही गैर सरकारी सदस्यों को मनोनीत किए जाने का निर्णय भी लिया गया.


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