Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में की गई कटौती को केवल औपचारिकता करार देते हुए शनिवार को कहा कि उसने यह कटौती कांग्रेस के अभियान के दबाव में की है. वहीं, मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि गहलोत सरकार को पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरों में तत्काल प्रभाव से कमी करके जनता को राहत देनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमशः आठ रुपये एवं छह रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा की.


इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेस द्वारा देशभर में लगातार महंगाई के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का यह असर है. उन्होंने कहा कि ‘नव संकल्प शिविर, उदयपुर’ में कांग्रेस द्वारा तय किए गए महंगाई के विरुद्ध जनजागरण अभियान के दबाव में आज केन्द्र को शुल्क कम करने का फैसला करना पड़ा. उन्होंने ट्वीट किया कि केवल पिछले दो महीनों में पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग 10 रुपये प्रति लीटर बढ़े थे. उन्होंने कहा कि ऐसे में आज की कटौती महज एक औपचारिकता नजर आती है.


सीएम गहलोत ने कही ये बड़ी बात

सीएम गहलोत के अनुसार यदि केंद्र सरकार सही मायने में आमजन को राहत देना चाहती है, तो उत्पाद शुल्क को घटाकर संप्रग सरकार के स्तर पर ले जाना चाहिए जिससे डीजल और पेट्रोल की कीमतें करीब 70 रुपये प्रति लीटर से भी कम हो जाएंगी. वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने उत्पाद शुल्क में कटौती के केंद्र सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा,‘‘अगर गहलोत सरकार को वास्तव में जनता से वास्ता है, तो उन्हें पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरों में तत्काल प्रभाव से कमी करके जनता को राहत देनी चाहिए.’’


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