Rajasthan News: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में जल्द ही हेल्थ एंड वैलनेस का नया सेटअप शुरू होने वाला है. शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय ने संयुक्त रूप से आयुष्मान भारत के तहत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की है. पहले राजस्थान के 7 जिलों में ही अभियान को शुरू करने की तैयारी थी. लेकिन अब दो नए जिलों को अभियान में शामिल किया गया है. टीचर्स के बाद अब छात्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है. नए सेटअप के अनुसार एंबेसडर और मैसेंजर की भूमिका स्कूलों में देखने को मिलेगी. क्लास 6 से 12वीं तक के छात्रों को अभियान में शामिल किया जाएगा. स्कूल में छात्र के बीमार होने पर मैसेंजर एंबेसडर को सूचित करेगा. चिकित्सा विभाग और राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उदयपुर की साझेदारी में स्कूलों के लिए 11 बिंदुओं पर पाठ्यक्रम को नया रूप दिया गया है. 


इन 11 बिंदुओं पर रहेगा फोकस


आयुष्मान भारत के तहत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम में 11 बिंदुओं पर अभियान का फोकस रहेगा. पाठ्यक्रम में स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना, प्रजनन, स्वास्थ्य एवं एचआईवी की रोकथाम, पोषण स्वास्थ्य और स्वच्छता, पदार्थ के दुरुपयोग की रोकथाम और प्रबंधन, भावनात्मक कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य, पारस्परिक संबंध में स्वास्थ्य बढ़ाना, जेंडर समानता, चोटों से सुरक्षा, इंटरनेट और सोशल मीडिया से सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना प्रमुख बिंदु शामिल हैं. 3 फरवरी 2021 को प्रदेश के 5 जिलों बारां, धौलपुर, जैसलमेर, करौली, सिरोही में अभियान को शुरू किया गया था.


इसके बाद बूंदी और उदयपुर को शामिल किया गया है. अब राजसमंद और बांसवाड़ा जिले को जोड़ लिया गया है. योजना के तहत प्रत्येक क्लास के साथ दो बच्चे मैसेंजर का काम करेंगे. प्रत्येक स्कूल के अंदर दो शिक्षकों को हेल्प एंबेसडर बनाया गया है. छात्र के बीमार पड़ने की जानकारी मैसेंजर एंबेसडर यानी शिक्षक को देंगे ताकि बच्चों को अच्छा इलाज मिल सके. अकेले बूंदी जिले के 616 स्कूलों में शुरुआत की गई है. प्रदेश के 7 जिलों में शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है. 


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प्रत्येक मंगलवार को होगा कार्यक्रम


स्कूलों में कार्यक्रम प्रत्येक मंगलवार को होगा. शिक्षकों के लिए आरएससीआईटी विशेष प्रशिक्षण बुक तैयार करेगा. बीमारी को समझकर स्कूल और स्वास्थ्य विभाग के बीच पुल बनेगा. स्कूल में प्रत्येक मंगलवार को स्कूल हेल्थ एंड वैलनेस आयोजित होगा. अभियान चरणबद्ध तरीके से राज्य के सभी उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में संचालित होगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के सुझाव पर कार्यक्रम को शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से मुक्त करना है.


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