Udaipur Murder Case: कन्हैया लाल हत्याकांड में 20 पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज, थमाया गया 16 और 17 सीसी का नोटिस
जिन पुलिस अधिकारियों को 16 सीसी का नोटिस मिला उनकी जांच पूरी होने तक फील्ड पोस्टिंग और प्रमोशन नहीं होंगे. वहीं 17 सीसी का फील्ड पोस्टिंग ओर ज्यादा असर नहीं होता है.
Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को दिल दहलाने वाली कन्हैया लाल की हुई निर्मम हत्या के मामले में राज्य सरकार ने 20 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को 16 सीसी और 17 सीसी का नोटिस थमाया है. नोटिस 3 दिन की प्रोसेस में अलग-अलग पुलिस अधिकारी और कर्मचारी को भेजा. नोटिस के बारे में पता चलने पर ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. अब जिन्हें भी नोटिस मिला है जब तक जांच चलेगी तब तक ना तो प्रमोशन हो पाएगा और ना ही उनको फील्ड पोस्टिंग दी जाएगी.
इससे पहले हत्याकांड के कुछ दिन बाद ही राज्य सरकार से आदेश जारी कर पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को सस्पेंशन और ट्रांसफर हुए थे. बता दे कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आदेश पर पुलिस की सतर्कता शाखा ने मामले की जांच की थी और जांच के बाद यह पाया गया. अब जिन्हें 16 सीसी का नोटिस मिला उनकी जांच पूरी होने तक फील्ड पोस्टिंग और प्रमोशन नहीं होंगे. वहीं 17 सीसी का फील्ड पोस्टिंग ओर ज्यादा असर नहीं होता है.
इन अधिकारियों के खिलाफ इसलिए हुई नोटिस की कार्रवाई
थानाधिकारी गोविंद राजपुरोहित ने सिर तन से जुदा की धमकी देने वालो पर जांच करने के बजाए कन्हैयालाल को गिरफ्तार कर लिया.
20 जून को कलेक्ट्रेट पर मुस्लिम समुदाय के जुलूस में सिर तन से जुदा के नारे लगे, लेकिन तत्कालीन भूपालपुरा थानाधिकारी भवानी सिंह ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई नहीं की.
सुबोध जांगिड़ जिला विशेष शाखा में सीआई पद पर थे लेकिन इन्होंने अपराध की गोपनीय सूचनाएं पुलिस अधीक्षक तक नहीं पहुंचाई.
हत्या के बाद आतंकी रियाज और गौस ने सुखेर थाना क्षेत्र के सापेटिया इलाके स्थित के फैक्ट्री में वीडियो बनाकर सनसनी फैला दी. इसके बारे में सुखेर थाने के तत्कालीन सीआई दलपत सिंह को भनक तक नहीं लगी.
रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद सूरजपोल थाना क्षेत्र में कई साल से किराए पर रह रहे थे साजिश भी यही रची. लेकिन सूरजपोल के तत्कालीन सीआई लीलाधर मालवीया को भनक तक नहीं थी.
धानमंडी थाने के तत्कालीन एएसआई बाबूलाल पुरबिया ने फरियादी आरोपी में फर्क नहीं समझा और कन्हैयालाल को ही गिरफ्तार कर लिया.
निलंबित एएसआई भंवरलाल ने धमकाने वालों से कन्हैयालाल का राजीनामा करवा दिया.
स्लीपर सेल पनपती रही और सूरजपोल के एएसआई गोवर्धनलाल व कांस्टेबल सुमरे सिंह को भनक तक नहीं लगी.
डीबीसी हेड कांस्टेबल शांतिलाल ने गोपनीय सूचनाएं एसपी तक नहीं पहुंचाई.
इनके अलावा धानमंडी के हेडकांस्टेबल रणजीत सिंह, कांस्टेबके सुभाष चंद्र, कांस्टेबल सुरेश कुमार, भूपालपुरा थाने के कांस्टेबल दलपत सिंह, सुखेर थाने के कांस्टेबल सुभाषचंद्र को भी नोटिस मिला है.
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