Kota News: बांधों पर 24 घंटे नजर, संभावित आपदा को लेकर ऐसी है जल संसाधन विभाग की तैयारी
राजस्थान में मानसून के आने से पहले बांधों की मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां 24 घंटे जल स्तर की निगरानी की जा रही है.
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Rajasthan News: राजस्थान की सीमा पर मानसून (Monsoon) के जल्द पहुंचने की संभावना है. मानसून के दौरान आपात स्थिति (Emergency Situation) से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) का बेड़ा मुस्तैद हो गया है. कोटा (Kota) जिले के बांधों (Dams), एनीकट (Anicut) और तालाबों (Ponds) की सुरक्षा के इंतजाम विभाग के द्वारा किए जा रहे हैं ताकि आपदा के समय किसी प्रकार की दिक्कत ना आए. इसके लिए कंट्रोल रूम (Control Room) भी स्थापित कर दिया गया है. आपात स्थिति से निपटने के लिए विभाग के द्वारा मिट्टी के कट्टे तैयार कर लिए गए हैं.
विभाग ने मानसून के पहले बांधों की स्थिति के बारे में जानकारी दी है. चंबल नदी पर बना गांधीसागर बांध (Gandhi Sagar Dam) की भराव क्षमता 1312 फीट है. अभी पानी का लेवल 1295.36 फीट है. राणाप्रताप सागर बांध (Rana Pratap Sagar Dam) की भराव क्षमता 1157.50 फीट है जिसकी जगह 1147.26 फिट लेवल बना हुआ है. जवाहर सागर बांध (Jawahar Sagar Dam) भराव क्षमता 980 फीट है. उसके स्थान पर बांध का लेवल वर्तमान में 976.10 फीट बना हुआ है. चंबल सिंचाई परियोजना का अंतिम बांध कोटा शहर के बीच स्थित है. इसकी भराव क्षमता 854 फीट है. बांध का लेवल 853.10 फीट पर बना हुआ है. आलनिया बांध का लेवल 19.8 फीट है और सावन भादो का लेवल 27.88 फीट है.
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बांधो का हर घंटे का लिया जा रहा अपडेट
कोटा में जल संसाधन विभाग के संभागीय कार्यालय में 24 घंटे बांधों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है और हर घंटे बांधों का अपडेट लेना शुरू कर दिया गया है. बांधों की हर घंटे ली जाने वाली रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जा रही है. मानसून सत्र में बांधों की मुस्तैदी के साथ मॉनिटरिंग की जा रही है. क्षेत्र के किसानों को इलाके में अच्छी बारिश की उम्मीद है.
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