Rajasthan: इंटरनेशनल महिला दिवस पर विधानसभा से महिलाओं से जुड़े मामलों को लेकर चिंताजनक खबर सामने आई  है. प्रदेश में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पॉक्सो के तहत 5793 मामले दर्ज हुए लेकिन सजा सिर्फ 129 मामलों में हुई है. प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सवाल पर गृह विभाग की ओर से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने यह जानकारी दी. नेता प्रतिपक्ष ने छोटी बच्चियों से रेप के आरोपियों को सजा का प्रतिशत कम होने पर सवाल उठाए.


उन्होंने पूछा कि पॉक्सो एक्ट के तहत चालान पेश करने की समय सीमा क्या है? क्या दर्ज मामलों में तय समय में चालान पेश हो रहे हैं? संसदीय कार्यमंत्री धारीवाल ने कहा- पॉक्सो अदालतें 54 ही हैं. इनकी संख्या बढ़ेगी तो दोषियों को सजा दिलाने में तेजी आ सकती है. राजस्थान पब्लिक सेफ्टी बिल तैयार हो चुका है. इसे शीघ्र लाएंगे. यह पास होने के बाद नोटिफाई एरिया में सीसीटीवी कैमरे और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा.


50 से ज्यादा कोर्ट फिर भी बस 129 आरोपियों को सजा
कटारिया ने पूरक प्रश्न करते हुए पूछा- प्रदेश में पॉक्सो एक्ट की 50 से ज्यादा कोर्ट हैं, फिर भी अब तक सिर्फ 129 आरोपियों को सजा हुई, पूरा सिस्टम कर क्या रहा है? बच्चियों से अपराध को कंट्रोल करने का एकमात्र उपाय है- केस ऑफिसर स्कीम में सजा दिलाने की तत्परता दिखाएं. कटारिया ने पुलिस की कार्यप्रणाली और जांच में देर पर सवाल उठाए. कहा 3 साल में रोज औसतन 5 बच्चियों से रेप हो रहा है.


पॉक्सो के बढ़ते मामलों के लिए धारीवाल ने सोशल मीडिया को भी जिम्मेदार बताया। बोले- युवकों में अमानवीय प्रवृत्ति जिस तरह घर कर रही है, गंभीर चिंतन का विषय है. सोशल मीडिया पर बेरोकटोक परोसी जा रही अश्लील सामग्री मुख्य कारण है. इससे ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता है. बच्चियों से रेप के दोषियों को सजा दिलाने के साथ ऐसी घटनाओं की रोकथाम के भी उपाय किए जा रहे हैं.


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