Rajasthan News: राजस्थान में गर्मी का असर लोगों पर ही नहीं फसलों पर भी हो रहा है. लहसुन की बात करें तो उसमें फंगस लगने के कारण पीलापन आ गया है जिससे भाव गिर गए हैं. इससे किसानों को भारी घाटा हो रहा है. हालांकि आम जन पर इसका अभी प्रभाव नहीं पड़ा है लेकिन किसानों से आने वाली अच्छी लहसुन में इसी प्रकार कमी रही तो इसका असर हो सकता है. जहां मंडियों में लहसुन 12,000 रुपए क्विंटल तक बिकती थी अब 5,000 तक ही भाव सिमट गई है. इससे किसानों को उत्पादन करने में जितनी लागत लगी उतना भी मूल्य नहीं मिल रहा है.
क्या कहते हैं किसान
किसान विष्णु ने बताया कि एक बीघा 18 से 20 क्विंटल लहसुन का उत्पादन होता है लेकिन इस बार लहसुन की फसल में बारीक कीट के प्रकोप के चलते फसल में फफूंदी रोग लग गया जिसका नतीजा यह रहा कि लहसुन की गुणवत्ता प्रभावित होने के साथ ही एक बीघा जमीन में 10 क्विंटल लहसुन की पैदावार भी नहीं हो सकी. गुणवत्ता प्रभावित होने के चलते कृषि उपज मंडी में जो लहसुन 10 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिकता था उसके अधिकतम भाव 5 हजार रुपए क्विंटल रह गए हैं. मेहनत तो दूर की बात है, लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.
आम आदमी पर प्रभाव नहीं
उदयपुर के व्यापारी विजय ने बताया कि तेज गर्मी के कारण लहसुन में खराबी आ गई है, जिससे ज्यादा मात्रा में इसी प्रकार की लहसुन आ रही है. ख़राब हुई लहसुन के भाव भी 5-10 रूपए प्रति किलो के अनुसार है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी लहसुन की आवक ठीक है इसलिए आम आदमी और इसका असर नहीं है. वहीं प्रतापगढ़ जिले की बात करे तो 7 साल में आठ गुना उत्पादन बढ़ा है. वर्ष 2015-16 में जहाँ 1064 हैक्टेयर में बुआई होती थी जो 2021-2022 में 8548 हैक्टेयर में हुई है. किसानों का रुझान बढ़ा है लेकिन भाव नहीं मिल रहे.
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