Udaipur News: उदयपुर में जानवरों के बाड़े में पैंथर के हमले, 71 भेड़ बछड़ों की मौत, घटना से इलाके में दहशत
उदयपुर के डूंगरपुर जिले के पिंडावल गावं में पैंथर के हमले में 71 भेड़ और बछड़ों की मौत हो गई. पैंथर की खबर से पूरे इलाके में दहशत फ़ैल गई है. मौके पर वन विभाग की टीम तैनात है.
Wild Animal Attack News: उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले के पिंडावल गांव में गुरुवार शाम को अनोखी घटना सामने आई. जहां एक पैंथर के हमले से बाड़े में बंधी 71 भेड़ और बछड़ों की मौत हो गई. इसमें चौकाने वाली बात यह है कि, लगभग आधी भेड़ों और बछड़ों के शरीर पर पैंथर के हमलों के निशान थे, लेकिन मरे हुए दूसरे जानवरों के शरीर पर कोई निशान नहीं है. इस घटना की जांच करने मौके पर पहुंचे चिकित्सा दल के सदस्यों का कहना है कि कुछ बछड़ों और भेड़ों की मौत पैंथर की दहशत से हुई है. हालांकि अभी पशु चिकित्सा विभाग और वन विभाग मामले की जांच कर रहे हैं और मरे हुए जानवरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इतंजार कर रहे हैं.
ऐसे हुई पूरी घटना
दरअसल हुआ यह कि पिंडावल गांव के सरपंच कमल मीणा के मकान के अहाते में पेड़ों के नीचे भेड़ और बछड़े बंधे हुए थे. इसके मालिक दूसरे जानवरों को चराने के लिए सोनगिरि पर्वत के पास गए थे. जब वह देर वह शाम लौटे तो सभी जानवर मृत अवस्था में थे. मरे हुए अधिकतर जानवरों के शरीर पर पैंथर के हमलों के निशान थे. इस घटना की सूचन मिलते ही वन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग की टीमें मौके पर पहुंची. फिलहाल भेड़ों को जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफनाया गया है और चरवाहे को मुआवजा देने की प्रोसेस चल रही है.
पैंथर की खबर फैलने के बाद लोगों में है दहशत
वहीं पैंथर के हमले के बाद इलाके के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ हैं. साथ ही गांव के पास ही जंगल इलाका होने से मौके पर वन विभाग की टीम को तैनात कर दिया गया है. जिससे भविष्य में ऐसी किसी भी प्रकार के जान माल के नुक्सान से बचा जा सके.
वन विभाग कर रहा है मौत की जांच
इस घटना के बाद इलाके के लोगों में बहस छिड़ गयी है, इतनी संख्या में भेड़ों की मौत कैसे हुई? वहीं अधिकतर मृत भेड़ों पर ही वन्यजीव के हमले के निशान होने से, वन विभाग ने पैंथर के हमले की बात स्वीकार कर ली है. वन विभाग ने यह भी कहा है कि हमला करने का तरीका पैंथर जैसा है, मरे हुए जानवरों के शरीर पर जो घाव के निशान हैं, वह पैंथर के हमले के हो सकते हैं. लेकिन वहां मौके पर पैंथर फुटमार्क नहीं मिलने से वन विभाग भी संशा में है.
मुआवजे को लेकर विभाग का यह है कहना
वन विभाग के एसीएफ उमेश बंसल ने बताया कि, "हमला करने का तरीका पैंथर का ही है और भेड़ों पर मिले घाव के निशान वैसे ही है, लेकिन मौके पर फुटमार्क नहीं है. लेकिन ज्यादा संभावना पैंथर की ही है." उन्होंने मुआवजे को लेकर कहा कि, "पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी और रिपोर्ट के आधार पर ही मुआवजे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
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