Rajasthan News: राजस्थान विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी (Rajasthan University Library ) उद्घाटन के बाद भी अभी तक नहीं खुल पाई है. इसे लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने विश्वविद्यालय में शनिवार को उग्र प्रदर्शन किया. एबीवीपी की महानगर मंत्री ट्विंकल शर्मा ने बताया कि कैंपस में गुंडागर्दी का माहौल बना हुआ है. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाइब्रेरी खोलने का आदेश नहीं दिया, तो परिषद के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे. वहीं इकाई मंत्री रोहित मीणा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इतना आनन-फानन में है कि इनको विद्यार्थियों के शैक्षणिक गतिविधियों की चिंता तक नहीं है.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आनन-फानन में परीक्षा का टाइम-टेबल निकालता है. आधे से ज्यादा सेमेस्टर पूरा हो जाने के बाद भी अभी तक पीएचडी प्रवेश परीक्षाएं शुरू नहीं हुई है. हॉस्टलों की हालात इनती जर्जर हो चुकी है कि छात्र यहां रहेगा तो वो बीमार हो जाएगा. इसलिए विद्यार्थी परिषद की ये मांग है कि प्रशासन को छात्रों की सुध लेनी चाहिए और उनके हित में काम करने चाहिए.
राजस्थान में लाइब्रेरी का उद्घाटन
राजस्थान यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी का उद्घाटन पिछले 16 नवंबर को सीएम अशोक गहलोत ने किया था. यह लाइब्रेरी प्रदेश की सबसे बड़ी लाइब्रेरी है. 7 जुलाई 2016 को राजस्थान विश्वविद्यालय में नई डिजीटल हाईटेक लाइब्रेरी का शिलान्यास किया गया था. करीब 6 सालों के बाद 2022 में इस लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया. उद्घाटन से करीब दो साल पहले ही लाइब्रेरी का काम पूरा हो चुका था.लेकिन उद्घाटन को लेकर राजनीति होती रही. वहीं अब उद्घाटन के बाद भी लाइब्रेरी खोलने के लिए छात्र आंदोलन कर रहे हैं.
लाइब्रेरी के लिए हो रहा आंदोलन
बता दें लाइब्रेरी के उद्घाटन के बाद से ही छात्रों को आंदोलन करना पड़ रहा है. आए दिन विश्वविद्यालय में आंदोलन और धरना प्रदर्शन हो रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ छात्र रोज आंदोलन कर रहे हैं. यही नहीं लाइब्रेरी के उद्घाटन लिए छात्रों ने कई बार प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा. कई बार हंगामा भी हुआ, लेकिन प्रशासन अब तक इसे लेकर कोई हल नहीं निकाल पाया है.
इतना ही नहीं एबीवीपी ने लाइब्रेरी के निर्माण में राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति पर भी लाखों रूपये के घपले का आरोप भी लगाया है. वहीं इस मामले पर जब राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजीव जैन से बात करने की कोशिश की गई तो, उनसे बात नहीं हो पाई.