Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी विभाग में घूसखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सरकारी विभागों में अधिकारी कर्मचारी आम लोगों से जुड़े काम को करने के नाम पर भ्रष्टाचार का खुला खेल कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में सामने आया है, जहां एसीबी ने एक तहसीलदार के ड्राइवर और दो दलालों को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा है.
हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
दरअसल जोधपुर के बनाड़ क्षेत्र में रहने वाले केवलराम ने एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी जमीन बनाड़ क्षेत्र में आई हुई है, जिसपर वे होटल बनाना चाहता है. जमीन के पट्टे बनाने के लिए जेडीए में आवेदन कर चुके हैं. लेकिन लंबे समय से उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे परेशान होकर केवलराम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मार्च 2021 में तहसीलदार को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.
तहसीलदार के ड्राइवर ने किया संपर्क
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी केवलराम को कई चक्कर कटवाए गए. आखिरकार तहसीलदार के ड्राइवर मदन सिंह ने उससे संपर्क किया और दावा किया कि तहसीलदार से काम करवाने के पचास हजार रुपये देने होंगे. केवल राम ने मदन सिंह से कहा कि तहसीलदार साहब कहिए कि यह रकम ज्यादा है कुछ कम की जाए. इसको लेकर बात की तो तहसीलदार ने इशारों में इसके लिए हाँ भर दी कार्यालय से बाहर आते ही ड्राइवर मदन सिंह ने शराब पार्टी के नाम पर एक हजार रुपये लिए और उसके बाद कर्मचारी भोपाल सिंह ने रुपये जल्द लाने के लिए दबाव बनाता रहा.
एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा
वहीं बीती रात मदन सिंह व भोपाल सिंह ने तहसीलदार के नाम पर मांगे हुए 50000 रुपये लाने के लिए बोला. साथ ही तहसील भवन के बाहर फोटोकॉपी की दुकान में हिम्मत सिंह नाम के शख्स को रुपये देने की बात कही. इसके बाद एसीबी के अधिकारियों के साथ मिलकर आज सुबह केवलराम ने हिम्मत सिंह को पचास हजार रुपये रिश्वत के दिए. उसी समय एसीबी की टीम ने हिम्मत सिंह को दबोच लिया. इसकी थोड़ी देर बाद ड्राइवर मदन सिंह और चतुर्थ कर्मचारी भोपाल सिंह वहां पहुंचे तो उनको भी एसीबी ने धर लिया. वहीं फिलहाल इनसे पूछताछ की जा रही है. एसीबी का मानना है कि तहसीलदार दीपक सांखला की भूमिका संदिग्ध है उसको लेकर पूछताछ जांच जारी है.
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