Bundi News: कोटा संभाग के बूंदी जिले में एक नवजात के जन्म के बाद परिवार में खुशी का माहौल था पर किसे पता था कि ये खुशी कुछ ही पल की है. दो घंटे बाद ही नवजात सहित उसकी मां और दादी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, जबकी पिता गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस हादसे में मारुती वेन ड्राइवर की भी मौत हो गई है. मामला बूंदी जिले का है, जिले के एनएच-52 पर ब्रेजा कार और मारुति वैन की भिड़ंत में एक परिवार के 3 सदस्यों समेत 4 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 2 घंटे पहले जन्मा एक नवजात भी शामिल है.
आमने-सामने की भिड़ंत में गाड़ियों के उड़े परखच्चे
लोगों ने बताया कि आमने-सामने से हुई भिड़ंत में दोनों गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए और वेन में सवार सभी लोग उसमें फंसे रह गए, जिन्हें वहां से गुजर रहे लोगों ने बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला. यह हादसा हिंडोली थाना क्षेत्र में हुआ. घायलों को देवली अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनमें से केवल एक को ही बचाया जा सका.
मरने वालों में नवजात, उसकी मां, दादी और ड्राइवर शामिल
हिंडोली थाना पुलिस ने बताया कि भीलवाड़ा जिले के चांदादंड गांव निवासी रेखा (24) पत्नी हंसराज मीणा (28) दीपावली के त्योहार पर अपने पीहर उमर गांव आई थीं. शुक्रवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उन्हें गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर गए, जहां रात करीब 9 बजकर 20 मिनट पर रेखा ने एक लड़के को जन्म दिया. यहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया था. इस पर पति, उसकी सास नंदू देवी (60) वैन ड्राइवर पिंटू मीणा (27) उसे साथ लेकर रवाना थे, इस दौरान करीब 11 बजे इटूंदा रोड पर सामने से आई ब्रेजा कार से वैन की भिड़ंत हो गई. हादसे के बाद ब्रेजा कार में बैठे लोग मौके से फरार हो गए, जबकि वैन में बैठे सभी लोग बुरी तरह फंस गए, जिन्हें राहगीरों ने निकाला.
रात का वक्त होने से लोगों को उन्हें वैन से बाहर निकालने में भी काफी समय लगा. हादसे में गंभीर रूप से घायल हंसराज को कोटा रेफर कर दिया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. बाकी मृतकों का शनिवार सुबह पोस्टमार्टम कराया गया और इसके बाद शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. क्षतिग्रस्त वाहनों को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है. परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
पहले बच्चे की भी हो चुकी थी मौत, दूसरा नहीं पी रहा था मां का दूध
जानकारी के अनुसार मृतक रेखा को उप स्वास्थ्य केंद्र उमर में रात 8 बजे भर्ती कराया गया था और 9 बजकर 20 मिनट पर उन्हें प्रसव हुआ. जन्म के समय पर लड़के का वजन 2.900 किलोग्राम था. जन्म के तुरंत बाद बच्चा रोता है, लेकिन वो 5 मिनट बाद रोया. इससे पहले भी रेखा को एक बच्चा हुआ था जिसकी बीमारी के चलते मौत हो गई थी. रेखा का यह बच्चा भी मां का दूध नहीं पी रहा था जिसके बाद रिस्क होने की वजह से रेखा और उसके बच्चे को हायर सेंटर रेफर किया गया था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.
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