Rajasthan News: राजस्थान के सरहदीय क्षेत्र जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में पिनाका मिसाइल एमके-I के अपग्रेड वर्जन का सफल परीक्षण किया जा रहा है. धोरों के बीच छिपे 'दुश्मन' को देखते ही पिनाका मिसाइल ने ताबतोड़ हमले कर उसे ध्वस्त कर दिया. यह परीक्षण पाकिस्तान से महज 200 किमी दूर सेना के अधिकारियों की मौजूदगी में दो-तीन दिन परीक्षण किया जा रहा है. मिसाइल 45 किमी तक टारगेट को सफलतापूर्वक हिट करने में सक्षम है. इस पर 100 किलो तक एमूनेशन लोड हो सकता है. इससे भारतीय सेना की ताकत में कई गुना इजाफा होगा.
पिनाका एमके-I के एडवांस वर्जन का परीक्षण
पिनाका एमके-I के एडवांस वर्जन का परीक्षण किया जा रहा है. इस मिसाइल की खासियत है कि निशाना दागने के बाद भी अपनी दिशा को बदल सकती है और टारगेट को सटीक तरीके से हिट कर सकती है. मार्क-I पिनाका का एडवांस वर्जन है. इस मिसाइल से किसी गाड़ी, बंकर, बेड़े, तोप या किसी भी टारगेट पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है. पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में लगातार हर महीने पिनाका सिस्टम प्रणाली का सफल परीक्षण किया जा रहा है ताकि सेना की ताकत को दुगुनी की जा सकें परीक्षण के दौरान सभी निशाने सटीक लगाए है
कारगिल युद्ध में सटीक रहा था पिनाका मार्क-I
साल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाका मार्क-I संस्करण का इस्तेमाल किया था. जिससे पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था और युद्ध में दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था. दरअसल, पिनाका मिसाइल को दागने वाले सिस्टम को पिनाका रॉकेट सिस्टम कहते है जिसे सेना के वाहन पर ही लॉन्च किया गया है. इसे भारत में ही बनाया गया है भारतीय सेना के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की ओर से विकसित किया गया है.
1980 में हुई थी शुरुआत
DRDO ने साल 1980 में पिनाका सिस्टम को विकसित करने की शुरुआत की थी. इसके दस साल बाद पिनाका मार्क-I का परीक्षण भी सफल रहा. पिनाका सिस्टम की एक बैटरी में छह लॉन्चिंग वाहन होते हैं. पिनाका रॉकेट सिस्टम को एक गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया है. ये नई तकनीक से निर्मित है और नई जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. 15 फुट लंबी मिसाइल का वजन लगभग 280 किलो है और ये 100 किलो तक के एमूनेशन को केरी कर सकती है.
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