Ajmer News: उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की नृशंस हत्या के बाद दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती के बयान की हर तरफ निंदा की जा रही है. वहीं अब नफरत फैलाने वाला वीडियो वायरल होने के बाद दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने भी इस कृत्य को निंदनीय बताया है.
'भारत को तालीबान नहीं बनने देंगे'
दरगाह दीवान ने बयान में कहा, "विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह हर मजहब के लोगों की आस्था का केंद्र है. दरगाह को इन सब से दूर रखना चाहिए." नफरत फैलाने वालों को उन्होंने दो टूक जवाब दिया, "किसी भी सूरत में भारत को तालिबान नहीं बनने देंगे. पैगंबर मोहम्मद ने इस तरह की तालीम किसी को नहीं दी है. कुरान हमें यह तालीम देती है कि सभी को प्यार मोहब्बत से रहना चाहिए. गलत हरकत इंसानियत को बदनाम करती है. तालिबानी सोच को भारत में नहीं पनपने दिया जाएगा, चाहे कुछ भी करना पड़े."
'राजा-महाराजा भी गुरुओं से करते थे मशविरा'
जैनुअल आबेदीन ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के धर्म गुरुओं की कमेटी बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा, "देशभर के सभी धर्म गुरुओं को चिन्हित करें और उनकी एक कमेटी बनाएं, जिससे इस तरह की हरकत करने वालों पर कार्रवाई की जा सके और धर्म गुरु शांति और सद्भाव का पैगाम हर जगह फैला सकें. पुराने जमाने में राजा महाराजा के समय भी हर राज्यों में धर्मगुरु होते थे और उनसे ही विचार विमर्श करते हुए सरकार जानकारी लेती थी. इसी तरह से सुझाव केंद्र व राज्य सरकार को भी समय-समय पर मीटिंग कर लेनी चाहिए."
अजमेर से जाए अमन का पैगाम
दरगाह दीवान ने कहा, "अजमेर पूरी दुनिया में विख्यात है. सांप्रदायिक सौहार्द फैलाने वाले शहरों में से एक है. यहां ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह है तो 14 किलोमीटर दूर जगतपिता ब्रह्मा का मंदिर भी है. अजमेर आने वाले सभी लोग दोनों ही धार्मिक स्थलों पर दर्शन कर यहां से अमन-चैन और खुशियों का पैगाम लेकर जाते हैं. ऐसी धरती पर इस तरह के भड़काऊ वीडियो और अन्य गतिविधियां नहीं होनी चाहिए. इसे लेकर सभी को सोचने की आवश्यकता है. यहां से केवल खुशियों और शांति का पैगाम ही देशभर में जाना चाहिए लेकिन अब ऐसा देखने को नहीं मिल रहा."
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