समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन होने के बाद नेताजी की परंपरा को उनके बेटे अखिलेश निभा रहे हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने श्रद्धा के साथ अजमेर (Ajmer) में स्थित विश्व प्रसिद्ध गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के 811वें उर्स के लिए चादर भेजी है. हजरत पीर बरकत मियां हाशमी नियाजी मदारी कौमी सदर चिश्तियां कमेटी उत्तर प्रदेश के हाथों यह चादर अजमेर दरगाह शरीफ (Dargah Sharif Ajmer) में ख्वाजा की मजार पर पेश की जाएगी.


अखिलेश यादव ने दिया यह संदेश 
विश्व विख्यात उर्स मेले (Ajmer Urs 2023) में चादर के साथ भेजे संदेश में अखिलेश यादव ने दुनियाभर में मौजूद गरीब नवाज सूफी संत के अनुयायियों और अकीदतमंदों को मुबारकबाद देते हुए देश-प्रदेश के विकास,सद्भाव और सौहार्द की कामना की है. उन्होंने कहा कि सूफी संतों ने हमें आपस में मिलजुल कर रहने और परस्पर एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करने की सीख दी है. सांप्रदायिक सौहार्द कायम रहना चाहिए.


अजमेर दरगाह शरीफ में उर्स मेले के दौरान  मुलायम सिंह यादव भी चादर भेजते थे.उनका निधन होने पर नेताजी की यह परंपरा उनके बेटे अखिलेश यादव निभा रहे हैं.


मजार पर चढ़ाई जाती है कई देशों की चादर
उर्स के दौरान कई देशों से ख्वाजा की मजार पर चादर लाई जाती है.पाकिस्तान का जत्था भी चादर लेकर अजमेर पहुंचता है.देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,कांग्रेस नेता सोनिया गांधी,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य नेता भी अपनी तरफ से चादर भेजते हैं.हाल ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अजमेर पहुंचकर दरगाह शरीफ में इबादत की और चादर चढ़ाई थी.


झंडे की रस्म से होगी शुरूआत
अजमेर उर्स 18 जनवरी को झंडे की रस्म निभाने के साथ शुरू होगा.भीलवाड़ा (Bhilwara) का गौरी परिवार दरगाह स्थित बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म निभाएगा.उर्स में दरगाह शरीफ (Dargah Sharif Ajmer) आने वाले जायरीनों के लिए जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी मेंबर माकूल इंतजाम करने में जुटे हैं. इस साल उर्स में 2 से 3 लाख जायरीन और 4 हजार से ज्यादा वाहन आने की उम्मीद जताई जा रही है.सुरक्षा के लिए दो हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.


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