Jodhpur News: बच्चों में फैल रही ये दुर्लभ बीमारी, हाथ-पैर और मुंह पर पड़ रहे छाले
डॉक्टर्स के मुताबिक एंटिरोवायरस और कॉक्स वायरस एक्टिव हो चुका है. आमतौर पर यह वायरस ग्रुप में अटैक करता है, इसलिए एक साथ कई बच्चों को शिकार बना सकता है.
Jodhpur News: मौसम बदलते ही बच्चों में मौसमी बीमारियों का संक्रमण फैलने शुरू हो चुका है. जोधपुर में एंटिरोवायरस और कॉक्स वायरस के संक्रमण से बच्चो में हैंड फुट माउथ में संक्रमण से छाले की बीमारी तेजी से पैर पसारने लगी है. खासतौर से 7 से 10 साल के बच्चों पर ये वायरस अटैक कर रहा है.
हाथ-पैर और मुंह में पड़ रहे छाले
इस वायरस के संक्रमण से मुंह, पैर व हाथ पर छाले होने लगते है. जहां छाले होते है वहां खुजली होती है. जोधपुर के उम्मेद अस्पताल मथुरादास माथुर सरकारी अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में रोजाना मरीज 15-20 मरीज पहुंच रहे हैं. इनमें ज्यादातर संक्रमित बच्चों की उम्र 7 साल से कम है. इस वायरस को हैंड-फुट -माउथ संक्रमण नाम दिया गया है.
इस सीजन आ रहे ज्यादा मामले
उम्मेद अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग सीनियर डॉ मोहन मकवाना ने बताया कि यह वायरस का संक्रमण चिकन पॉक्स के लक्षणों से मिलता जुलता है. यह सामान्य बीमारी जैसा ही है. मानसून के इस सीजन में कभी गर्मी बढ़ जाती है तो कभी नमी बढ़ जाती है. ऐसे में इस बीमारी को फैलाने वाले वाले एंटिरोवायरस व कॉक्स वायरस एक्टिव हो गए हैं. पिछले सालों की तुलना में इस मानसून की सीजन में इसका प्रकोप अधिक देखने को मिल रहा है.
ऐसे फैलता है वायरस
एंटिरोवायरस और कॉक्स वायरस एक्टिव हो चुका है. आमतौर पर यह वायरस ग्रुप में अटैक करता है, इसलिए एक साथ कई बच्चों को शिकार बना सकता है. सबसे पहले यह वायरस का अटक मुंह के अंदर के टॉन्सिल के आसपास के टिश्यूज और पाचन तंत्रिका में फैलता है. खून के जरिए यह पूरे शरीर में फैल जाता है. मुख्य कारण मवेशियों मखी मछर व गंदगी के कारण या संक्रमित के संपर्क में आने से यह फैलता है. इसमें सबसे पहले संक्रमित मरीज को बुखार आता है जो दो-तीन दिन में चला जाता है, साथ ही संक्रमण के कारण मुंह, पैर, व हाथ में छाले हो जाते हैं.
ये हैं लक्षण
हाथ, पैर, मुंह व हिप्स पर छोटे दर्दनाक छाले, 2 से 3 दिन तेज बुखार, अस्वस्थ महसूस होना, छालों के पास खुजली, भूख ना लगना और चिड़चिड़ापन इस वायरस के लक्षण हैं. इससे बचने के लिए साबुन से हाथ धोएं, मवेशियों के संपर्क से बचें, कॉमन एरिया को कीटाणु रहित करें.
इंफेक्टेड बच्चों से दूर रहें
पैरासिटामोल व छालों के लिए कैलेमाइन लोशन का उपयोग करे एंटिरोवायरस व कॉक्स वायरस से संक्रमित होने से डरें नहीं, संक्रमित होने का पता चलते ही संक्रमित को आइसोलेसन में रखे सावधानी बरततें हुए दूसरे बच्चो को दूर रखे तुरंत अस्पताल में चेकअप करवाये डॉ हरीश कुमार मौर्य ने बताया कि इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं. किसी बच्चे को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी. हालांकि तेजी से फैलते इस वायरस से बचाव की जरूरत है, क्योंकि किसी एक बच्चे को यह बीमारी है तो दूसरे बच्चों में इसके फैलने की आशंका अधिक रहती है.
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