Rajasthan News: राजस्थान में OBC और MBC आरक्षण पर क्या आसानी से मानी है सरकार? जानिए- इस मामले की इनसाइड स्टोरी
Rajasthan: ओबीसी और एमबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने के लिए गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज होता जा रहा था. इसमें सबसे प्रमुख रूप से गहलोत सरकार के मंत्री और विधायक शामिल थे.
Rajasthan News: अचानक से ओबीसी (OBC) आरक्षण विसंगतियों और एमबीसी (MBC) आरक्षण की मांगों पर सरकार ने अपनी सहमति जता दी है. सालों से ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने और एमबीसी आरक्षण को ठीक करने के लिए आंदोलन जारी था, लेकिन सरकार इन मांगों पर गंभीर नहीं थी तो अब अचानक से सबकुछ ठीक कैसे हो गया ? सरकार ने पिछले कई महीने तक कुछ भी नहीं किया और अब सारी मांगें मान ली गई है. आंदोलन करने वाले भी संतुष्ट हैं. क्या ये सब बहुत आसानी से हुआ है या इसके पीछे भी कोई बड़ी कहानी गढ़ी गई है?
सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी होने वाली थी
दरअसल, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी होने वाली थी. ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने के लिए गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज होता जा रहा था. इसमें सबसे प्रमुख रूप से गहलोत सरकार के मंत्री और विधायक शामिल थे. इसके साथ ही साथ विपक्ष में आरएलपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने भी आंदोलन की बात कह दी थी. उन्होंने जयपुर में एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी.
ओबीसी आरक्षण में विसंगति को दूर करने के लिए विधायक दिव्या मदेरणा, मुकेश भाकर और राजविवि के छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने जयपुर में एक सभा को सम्बोधित किया था, इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. इसके बाद हरीश चौधरी ने कमान संभाल ली थी. इसके बाद मंत्री हेमाराम चौधरी ने भी इस मुद्दे को उठा लिया था. एक तरह से सरकार और ओबीसी नेताओं में ठन गई थी. आरक्षण की विसंगति दूर करने की जगह सरकार में 'कोल्डवार' छिड़ गया था.
राजपूत-जाटों का मुद्दा बनता जा रहा था
ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों का मुद्दा पूरी तरह से गर्म हो गया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कहना पड़ा था कि यह कोई राजपूत-जाटों का मुद्दा नहीं है, लेकिन यह गहलोत को तब कहना पड़ा जब उनके ही मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सरकार की ईंट से ईंट बजा देने की चेतावनी दे डाली थी. गुढ़ा के बयान के बाद बाकी मंत्री और विधायक भी सामने आ गए थे. वहीं गहलोत सरकार दबाव में आई और इस मसले का हल निकाला. पूर्व सैनिकों को हॉरिजेंटल कैटेगरी के हिसाब से आरक्षण की बात कही . पूर्व सैनिकों को भर्तियों में मौजूदा दौर में मिल रही अधिकतम उम्र में छूट और मिनिमम अंकों में छूट का लाभ भी मिलता रहेगा. इसके साथ ही सरकार और विपक्ष दोनों तरफ शांति बन गई. यह आंदोलन सरकार के लिए गले का फांस बन गया था.
एमबीसी आरक्षण पर सरकार ने खूब खेला
आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार के बीच समझौते को चार साल हो गए थे, लेकिन लागू नहीं हुआ. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करने की घोषणा की. सरकार को लगा की गुर्जर आसानी से मान जायेंगे, लेकिन विजय बैंसला अपना तेवर दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी.
विजय बैंसला ने बताया कि यह आसान नहीं था. सरकार ने खूब छकाया, लेकिन उन्होंने मंत्री अशोक चांदना के प्रयास की खूब तारीफ की. इनका कहना था कि चांदना ने अपने समाज के लिए पूरी जिम्मेदारी निभाई है. हमारी सारी मांगे मान ली गई हैं. 10 दिन के अंदर सब पूरा हो जाएगा. वहीं देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह अवाना ने बताया कि आरक्षण संघर्ष समिति की मांग पर सहमति बन गई है. इसके साथ ही देवनारायण योजना की 2019-2020 से 2022 तक की 13 हजार 548 पेंडिंग स्कॉलरशिप जारी करने पर सहमति बनी. इसे भी 15 दिन के अंदर जारी कर दिया जायेगा.