(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: गहलोत सरकार की इंदिरा रसोई योजना को हुए तीन साल, जानें- खाने की क्वालिटी पर क्या बोले लोग?
Rajasthan News: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने साल 2020 में इस योजना की शुरुआत की थी. इसमें आम आदमी सिर्फ आठ रुपये देकर भरपेट खाना खा सकता है.
Rajasthan News: आज के महंगाई के दौर में जब दालें, सब्जियां, तेल, घी की कीमतें आसमान छू रही हैं. ऐसे में गरीब और मजदूरों के सामने दो टाइम भर पेट खाना भी एक चुनौती बन गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'कोई भूखा ना सोए' संकल्प के साथ प्रदेशवासियों के लिए शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना में आमजन के लिए भरपेट भोजन मात्र 8 रुपए में दिया जाता है. यह योजना प्रदेशवासियों के लिए संजीवनी का काम कर रही हैं. इंदिरा गांधी रसोई योजना सहित अन्य योजनाओं के दम पर सीएम गहलोत सरकार को रिपीट करने का दावा कर रहे हैं.
खाने की गुणवत्ता पर लोगों की राय
जोधपुर के सोजती गेट क्षेत्र में स्थित इंदिरा रसोई पर पहुंचकर खाना खा रहे लोगों से बात की गई. साथ ही उनसे खाने की गुणवत्ता, स्वाद व साफ-सफाई के बारे में बात करने पर ज्यादातर लोग इंदिरा रसोई योजना की तारीफ करते दिखे. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि कई जगह खाने की गुणवत्ता सही नही है. सभी इंदिरा रसोई में प्रतिदिन खाने की जांच नहीं होने के कारण कई इंदिरा रसोइयों में खाने का स्वाद व गुणवत्ता कमी आई है. कई लोगों का कहना है सरकार की ओर से शुरू की गई योजना गरीबों के लिए अच्छी है. उन्होंने बताया कि इस महंगाई के जमाने में मात्र 8 रुपए में भर पेट खाना खिलाया जा रहा है, जबकि देखा जाए तो 8 रुपए में कुछ नही आता है.
'घर जैसा है खाने का स्वाद'
कपड़ों की सिलाई का काम करने वाला ओम प्रकाश ने बताया कि कई बार सुबह जल्दी काम पर आता हूं. जब से यह योजना शुरू हुई है. उस समय से में एक समय यही खाना इंदिरा रसोई में ही खाता हूं. यहां के खाना का स्वाद घर जैसा है. साथ ही सम्मानपूर्वक बिठाकर गरमा गर्म खिलाया जाता है. इंदिरा रसोई में मात्र आठ रुपए में भर पेट खाना वो भी सम्मानपूर्वक मिलता है.
'खाने की क्वालिटी की हो रही जांच'
जोधपुर नगर निगम उत्तर के कमिश्नर अतुल प्रकाश ने बताया कि 23 इंदिरा रसोई संचालित हैं. सभी रसोई पर अधिकारी नियुक्त किया गए हैं. औचक निरक्षण कर रहे हैं. अतुल प्रकाश ने आगे बताया कि 24 में से 23 रसोई चल रही हैं, जबकि एक अभी बंद है. नियमित रूप से साफ सफाई, खाने की गुणवत्ता की जांच की जा रही है.
'2020 में शुरू हुई थी योजना'
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने 'कोई भूखा ना सोए' के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए इंदिरा रसोई योजना का शुरुआत महामारी के दौरान 20 अगस्त 2020 में की गई थी. अगस्त महीने में इस योजना के तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. इस इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत आम इंसान को मात्र आठ में भरपेट स्वादिष्ट और गरमा गरम खाना सम्मान के साथ स्थानीय स्वाद के साथ सम्मान पूर्वक दो समय का शुद्ध व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी.
इंदिरा रसोई की योजना की खास बातें
इंदिरा रसोई योजना में लाभार्थी को आठ रुपये में शुद्ध ताजा व पौष्टिक भोजन मिलता है.
इंदिरा रसोई योजना के लिए राज्य सरकार का प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपए का प्रावधान
स्थानीय संस्थाओं के सेवा भाव में सहयोग के रसोइयों का संचालन
भोजन मैन्यू में मुख्य रूप से हर थाली में दाल, सब्जी, 5 चपाती और अचार दिया जाता है.
इंदिरा रसोई में सुबह का भोजन का समय सुबह 8:30 से दोपहर 1:00 बजे तक और रात के लिए शाम 5:00 बजे से 8:00 बजे तक है.
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