Rajasthan News: राजस्थान सरकार की इस योजना से आप बना सकेंगे अपनी 'पहचान', जानिए- मिलेगा क्या- क्या लाभ
Rajasthan: राजस्थान में विवाह का पंजीकरण करवाना राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2009 के तहत कानूनन अनिवार्य है. जानिए पहचान के लिए रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया!
Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कई योजनाएं हैं, लेकिन पहचान (pehchan yojana rajasthan) योजना बेहद जरुरी है. सरकार ने ऐसी कितनी योजनाएं शुरू की है जिनसे खूब लाभ उठाया जा सकता है. वहीं इस बार योजना शादी-शुदा लोगों के लिए है. इस योजना का नाम 'पहचान'है. इसमें पति-पत्नी की वैधानिक पहचान कराना होता है. विवाह का पंजीकरण कानूनी तौर पर अनिवार्य है. क्या आपको पता है पहचान योजना से कैसे जुड़ पाएंगे? कैसे करना होता है पहचान के लिए रजिस्ट्रेशन आइए जानिए रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया!
विवाह का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) क्या है?
वर-वधू और उनके माता पिता या संरक्षक द्वारा किसी भी धार्मिक पद्धति के अन्तर्गत किए गए विवाह की सूचना संबंधित क्षेत्र के विवाह पंजीयन अधिकारी (रजिस्ट्रार) को देकर पंजीयन करवाना और विवाह का प्रमाण पत्र प्राप्त करना विवाह का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कहलाता है. विवाह का पंजीकरण करवाना राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2009 के तहत कानूनन अनिवार्य है. राजस्थान राज्य में अनुष्ठापित होने वाले विवाहों का पंजीयन राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2009 के तहत किया जाता है और रजिस्ट्रार (विवाह पंजीयन) द्वारा विधिक विवाह प्रमाण पत्र जारी किया जाता है.
विवाह का पंजीकरण अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अन्तर्गत विवाह की घटना घटित होने से संबंधित क्षेत्र के रजिस्ट्रार द्वारा किया जाएगा. साथ विवाह पश्चात वर और वधू जहां निवास कर रहे है वह भी विवाह पंजीयन अधिकारी के यहां भी पंजीकरण करवाया जा सकता है. बशर्ते वर और वधू आवेदन देने की दिनांक से कम से कम 30 दिन पूर्व से उस क्षेत्र में निवास कर रहे हो. रजिस्ट्रार का यह मुख्य कर्तव्य है कि वह अधिनियम के अन्तर्गत स्थापित प्रणाली, प्रक्रिया और प्रावधानों के अन्तर्गत विवाह की घटना का रजिस्ट्रीकरण करेगा और विवाह का प्रमाण पत्र जारी करेंगा.
रजिस्ट्रीकरण का महत्व
विवाह का अनिवार्य पंजीयन बहू उपयोगी है. विवाह के पंजीयन से उपलब्ध विश्वसनीय साक्ष्य से महिलाओं को उत्तराधिकार प्राप्त होने से सुविधा तो मिलेगी ही साथ ही बाल विवाह और बहुविवाह जैसी कुरीतियों पर भी अंकुश लगेगा. स्पष्टतः महिलाओं को उत्तराधिकार, सामाजिक अधिकार प्राप्त करने में यह व्यवस्था प्रभावी रूप से कारगार साबित होगी. सम्पन्न हुए विवाह का ज्ञापन संबंधित क्षेत्र के रजिस्ट्रार को देने के लिए वर और वधू और उनके माता पिता या संरक्षक उत्तरदायी व्यक्ति है. यहां पक्षकार (वर 21 वर्ष और वधू 18 वर्ष) के न हो तो वहां पक्षकारों के माता पिता या संरक्षक रजिस्ट्रार को विवाह का ज्ञापन देने के लिये उत्तरदायी है.
विवाह का रजिस्ट्रीकरण
पक्षकारों से सभी प्रकार से पूर्ण ज्ञापन एवं आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने पर रजिस्ट्रार राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2009 के तहत स्थापित। प्रणाली, प्रक्रिया एवं प्रावधानों के अन्तर्गत विवाह की घटना का रट्रिीकरण करेगा एवं विवाह का प्रमाण पत्र जारी करेंगा। रस्ट्रीकरण भी अधिनियम, 2009 लागू होने से पूर्व सम्पन्न किये गये विवाहों का अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत किया जा सकेगा। विवाह पंजीकरण हेतु वर वधू की उपस्थिति रजिस्ट्रार के समक्ष होन विवाह का रजिस्ट्रीकरण कब करावें विवाह सम्पन्न होने की 30 दिवस की अवधि में रूपये 10/- तथा 30 दि स पश्चात रूपये 100/- के शुल्क पर विवाह का पंजीयन कराया जा सकता है।
विवाह पंजीयन कहां कराएं
ग्रामीण क्षेत्र- ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ग्राम विकास अधिकारी और पदेन सचिव और रजिस्ट्रार (विवाह पंजीयन) के यहां पर पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है.
शहरी क्षेत्र- नगरपालिका/नगरपरिषद /नगर निगम मुख्यालय पर रजिस्ट्रार (विवाह पंजीयन) के यहां पर पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है.
विवाह पंजीकरण के लिये दस्तावेज
विवाह पंजीकरण हेतु आवेदन पत्र, विवाह के साक्षी दो गवाहों के शपथ पत्र नोटेरी से सत्यापित, वर-वधू का शपथ पत्र नोटेरी से सत्यापित, वर-वधू का भूण हत्या न करने का शपथ पत्र, वर-वधू का आयु प्रमाण पत्र, वर-वधू और गवाहों के पहचान (आई.डी.) और पते के दस्तावेज, विवाह का निमन्त्रण पत्र (यदि हो ) वर-वधू की पासपोर्ट साईज दो-दो फोटो और 53 सेमी की संयुक्त फोटो-3 चाहिए होती है.
विवाह पंजीयन के लाभ
बाल विवाह पर नियंत्रण, विवाह के नाम पर धोखाधड़ी पर लगाम, तलाकशुदा, विधवा महिलाओं का गुजारा भत्ता, महिलाओं को सम्पत्ति और उत्तराधिकार आदि मामलों में सुविधा, विवाह तिथि संबंधित विवादों से छुटकारा, विदेश यात्रा करने पर पासपोर्ट,वीजा प्राप्त करने की सुविधा है.
विवाह का ऑनलाइन पंजीयन
राज्य में सम्पन्न होने वाले विवाहों का पंजीयन का कार्य वेब पोर्टल "पहचान" पर ऑनलाइन कर कम्प्यूटरीकृत डिजिटल, ई-साइन युक्त प्रमाण पत्र जारी किये जाने का कार्य दिनांक 21.03.2016 से प्रारम्भ किया गया. विवाह के पंजीयन हेतु आवेदन ई-मित्र केन्द्रों, आमजन के माध्यम से विवाह का पंजीयन करवाया जा सकता है. इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है.
ई-मित्र पर आवेदन की प्रक्रिया
आवेदक द्वारा निर्धारित प्रपत्र में सूचना मय पहचान दस्तावेज ई-मित्र संचालक को प्रस्तुत करनी होगी. ई-मित्र संचालक आवेदन प्रपत्र और वांछित पहचान दस्तावेज की जांच करेगा. आवेदन प्रपत्र में दी गई सम्पूर्ण सूचनाओं को 'पहचान' वेब पोर्टल पर सही-सही ऑनलाइन प्रपत्र में दर्ज किया जाएगा और संबंधित रजिस्ट्रार को अग्रेषित होगा. पहचान दस्तावेज और वर वधू की सयुक्त फोटो को आवेदन प्रपत्र के साथ अपलोड किया जाएगा. ई-मित्र संचालक द्वारा आवेदन प्रपत्र को ऑनलाइन भरने, पहचान, पते के दस्तावेज का राजकीय डाटाबेस से सत्यापन किए जाने की स्थिति में 15 रुपये और आवेदन प्रपत्र के साथ पहचान, पते के दस्तावेज को स्कैन कर अपलोड किए जाने की स्थिति में 20 रुपये सेवा शुल्क के रूप में लिया जाएगा. ई-मित्र संचालक आवेदक से केवल सेवा शुल्क ही लेगा अन्य पंजीयन संबंधित शुल्क रजिस्ट्रार कार्यालय में ही जमा होगें.
ई-मित्र से प्राप्त करें आवेदनों का पंजीयन
पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र की रजिस्ट्रार द्वारा अपने लॉगिन पर जांच की जाएगी. वहीं कमी पाए जाने पर आवेदक को मोबाइल नंवर पर एसएमएस द्वारा आपत्ति सहित सूचना दी जाएगी. आवेदक द्वारा आपत्ति का एसएमएस प्राप्त होने पर संबंधित ई-मित्र पर जाकर कमी की पूर्ति की जाएगी. आवेदन पत्र की जांच उपरान्त सही पाए जाने पर रजिस्ट्रार द्वारा वर और वधू को निर्धारित दिनांक को आवश्यक दस्तावेज सहित रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित होने का एसएमएस भिजवाया जाएगा. रजिस्ट्रार द्वारा निर्धारित शुल्क लेकर वर और वधू दोनों के उपस्थित होने और मूल दस्तावेज की पूर्ण जांच कर संतुष्टि के पश्चात विवाह का पंजीयन किया जावेगा और निर्धारित प्रथ में विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.
ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया
विवाह प्रमाण पत्र बनवाने हेतु पहचान पोर्टल से विवाह पंजीयन हेतु आवेदन पत्र डाउनलोड करें. आवेदन द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र में सभी सूचनाएं भरकर वांछित दस्तावेज संलग्न कर आवेदन पत्र तैयार करना होगा. पहचान पोर्टल पर आमजन आवेदन प्रपत्र भरे वहीं विकल्प पर जाकर विवाह आवेदन प्रपत्र में दी गई सूचनाओं को सही-सही ऑनलाइन प्रपत्र में दर्ज करें. पहचान दस्तावेज और वर-वधु की संयुक्त फोटो को आवेदन प्रपत्र के साथ अपलोड कर सम्बन्धित रजिस्ट्रार को अग्रेषित करना होगा. आवेदन जांच उपरान्त सही पाए जाने पर रजिस्ट्रार द्वारा वर-वधु को निर्धारित दिनांक को आवश्यक दस्तावेज सहित रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित होने का एसएमएस आवेदक के मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा.
रजिस्ट्रार द्वारा वर-वधु दोनों के उपस्थित होने और मूल दस्तावेजों की पूर्ण जांच कर सन्तुष्टि उपरान्त निर्धारित पंजीयन शुल्क जमा कर डिजीटल, ई-साइन युक्त विवाह प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. आवेदन में कमी पाई जाने पर आवेदन के मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा आपत्ति सहित सूचना दी जाएगी, जिसकी पूर्ति आवेदन को करनी होगी. विवाह प्रमाण पत्र जारी होने पर आवेदक को पहचान पोर्टल, पहचान ऐप के माध्यम से प्रमाण पत्र डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान की गई हैं.
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