Udaipur News: झीलों की नगरी उदयपुर में कई झीले हैं, लेकिन एक झील जिसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों होने का गौरव प्राप्त है वह मानसून की विदाई से पहले ही छलक गई है. यह झील है उदयपुर से 50 किलोमीटर दूर जयसमंद झील. बड़ी बात यह है कि इस झील में 9 नदियों और 99 अलग-अलग नालों से पानी आकर समाहित होता है. इसका छलकना अपने आप मे बड़ी बात है. इसके छलकने से अब उदयपुर शहर को पूरे साल आसानी से पानी की सप्लाई हो पाएगा. 


इतनी क्षमता है इस झील की
जलसंसाधन विभाग के एक्सईएन हेमंत पनडिया ने बताया कि जल स्तर 8.38 मीटर यानी करीब 27 फिट होने के बाद झील छलक गई है. इसमें 14650 एमसीएफटी पानी की भराव क्षमता है. इसमें से उदयपुर शहर के पेयजल के लिए हर साल 500 एमसीएफटी पानी लिया जाता है. जयसमंद झील छलक गई है जिससे अब रबी की फसल में क्षेत्र के कई एकड़ खेतो को सिंचाई के लिए पानी मिल जाएंगे. बता दें कि मानसून आने से पहले झील का जल स्तर 3.48 मीटर था लेकिन क्षेत्र में अच्छी बारिश होने के चलते पानी आवक हुई और झील लबालब हो गई. 


पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण
झीलों की नगरी उदयपुर में वैसे तो कई टूरिस्ट प्लेस है लेकिन जयसमंद झील अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है. उदयपुर से भले ही 50 किलोमीटर दूर स्थित है लेकिन हर साल यहां सैकड़ों की संख्या में पर्यटक सहित स्थानीय लोग जाते हैं. यहां पर बोटिंग के साथ-साथ स्पेशल खाने का भी आनंद लेते हैं. यही नहीं यहां पर पहाड़ों पर स्थित रूठी रानी का महल भी है जिसे भी देखने जाते हैं. इसकी खास बात यह भी है कि झील के आसपास जयसमंद वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है. यहां पैंथर सहित कई वन्यजीव है. अब तो यहां पैंथर सफारी भी शुरू की जा रही है. 


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