Bundi News: रामगढ़ टाइगर रिजर्व में दिखा दुर्लभ एशियाटिक वाइल्ड केट, बढ़ने लगा वन्यजीवों का कुनबा
Bundi: विभाग द्वारा लगाए गए कैमरे में वन्यजीव पहली बार सामने आया है. वन्यजीवों की लगातार बढ़ती संख्या के साथ वन्यजीवों की दुर्लभ प्रजातियों का दिखना वन्यजीव प्रेमियों के लिए शुभ संकेत है.
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Bundi News: राजस्थान(Rajasthan) के बूंदी में रामगढ़ टाइगर रिजर्व(Ramgarh Tiger Reserve) से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है. यहां डेजर्ट केट या एशियाटिक वाइल्ड केट(Asiatic wildcat) दिखाई दी है. जिसे एशिया जंगली बिल्ली भी कहा जाता है. इसके साथ ही पिछले दस साल से गायब एक भेडिये की मौजूदगी भी रामगढ़ में मिली है. विभाग द्वारा लगाए गए फोटो ट्रैप कैमरे में यह वन्यजीव पहली बार सामने आया है.
दूसरी ओर वन्यजीवों की लगातार बढ़ती संख्या के साथ ही यहां वन्यजीवों की दुर्लभ प्रजातियों का दिखना वन और वन्यजीव प्रेमियों के लिए शुभ संकेत दे रहा है. बता दें कि बाघ छोडे जाने के बाद अभयारण्य में इंसानी दखल कम हो गया है. जिससे वन्यजीव अब धीरे-धीरे अपने आप को सुरक्षित महसूस कर बाहर आ रहे हैं.
अब तक नहीं था पता, गणना में भी नही दिखाई दी
वन्यजीव प्रतिपालक बिट्ठल सनाढ्य ने बताया कि पहले रामगढ़ विषधारी में वाटर प्वाइंट की गणना की जाती थी. इस गणना में ए एशियाटिक वाइल्ड केट नहीं देखी गई है. वहीं, विभाग के अनुसार एशियाटिक वाइल्ड केट कभी नहीं देखी गई. हाल ही में लगाए गए कैमरों में एशियाटिक वाइल्ड केट की एक तस्वीर सामने आई है. इससे उसकी उपस्थिति का पता चला है. वहीं भेडिये को भी एक दशक बाद देखा गया है. यह रामगढ़ के लिए शुभ संकेत है. बाघ की मौजूदगी न सिर्फ जंगल के लिए अच्छी होती है, बल्कि अन्य वन्यजीवों को बढऩे के लिए अनुकूल वातावरण भी देती है. इसका नतीजा है कि यहां अब फिर से दुर्लभ वन्यजीव दिखाई देने लगे हैं.
टाइगर की उपस्थिति बन रही लाभदायक
डीसीएफ संजीव शर्मा ने कहा कि रामगढ़ में बाघ की मौजूदगी से मानवीय हस्तक्षेप कम होने लगा है. विभाग द्वारा रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद सभी तरह की रोक लगने से वन्यजीव के लिए अनुकूल माहौल बन गया है. ऐसे में लंबे समय से छिपे हुए वन्यजीव भी दिखने लगे हैं. यही कारण है कि एशिया की जंगली बिल्ली दिखाई दी है. विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में वन्यजीवों की और भी नई प्रजातियां देखने को मिल सकती हैं.
लम्बे समय से नहीं दिखे थे भेडिये
रामगढ़ रिजर्व में कभी भेडियों की अच्छी संख्या थी, लेकिन धीरे-धीरे उनकी संख्या कम होती गई. करीब दस साल तक एक भी भेड़िया नहीं देखा गया. पिछले कुछ दिनों से वनकर्मियों को भेडिये दिख रहे हैं. खटकड़ वन क्षेत्र में भेडिये नजर आए हैं. वनकर्मियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में दो भेडिये देखे गए हैं. इनकी संख्या और भी हो सकती है. गौरतलब है कि कोटा का मुकुंदरा और रणथंभौर टाइगर रिजर्व बूंदी रामगढ़ अभयारण्य से सटा हुआ है. ऐसे में रामगढ का अच्छा माहौल होने के कारण वन्यजीव इधर रुख करने लगे हैं.
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