Demand of Kaman District: राजस्थान के भरतपुर जिले के कामां कस्बे को जिला बनाने की मांग को लेकर लगभग 71 दिन से लोग आंदोलन कर रहे हैं. इस दौरान स्थानीय विधायक एवं राज्य मंत्री जाहिदा खान (Zahida Khan) न तो इन लोगों से मिलने पहुंची और न ही कामां को जिला बनाने का आश्वासन ही दिया. लिहाजा, अपने विधायक की इस बेरुखी से आहत लोगों ने सोमवार को कामां के गांव दोलावास में विधायक की गृह पंचायत गढ़ अजान की सरपंच रुबिया बानो के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. इस दौरान ये लोग हाथों में गुमशुदा विधायक की तलाश बताने वाले को उचित इनाम दिया जायेगा लिखा बैनर थामे रहे.  


इसलिए विधायक से नाराज हैं लोग


विधायक के गांव की सरपंच रुबिया बानो ने कहां कि क्षेत्र की जनता 71 दिन से कामां को जिला बनाने के लिए लाल दरवाजे पर बैठकर आंदोलन कर रही है, लेकिन आज तक स्थानीय विधायक ने इनके समर्थन में एक शब्द तक नहीं बोला है. उन्होंने कहा कि कामां को जिला बनाने के मुद्दे पर हमारी विधायक गुमशुदा नजर आ रही हैं, जबकि राजस्थान के सभी विधायक सरकार से अपने-अपने क्षेत्रों को जिला बनाने की मांग सरकार के सामने मजबूती से रख रहे हैं.


उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक जाहिदा खान की ओर से सरकार से कामां को जिला बनाने की मांग करना तो दूर, उन्होंने आजतक इस आंदोलन का सार्वजनिक रूप से समर्थन तक नहीं किया है.


'विधायक को सता रहा डर'


रुबिया ने कहा कि दरअसल, विधायक को डर सता रहा है कि यदि कामां जिला बन गया, तो उसकी राजनीतिक विरासत खत्म हो जाएगी. इसीलिए विधायक न तो मुख्यमंत्री से कामां को जिला बनाने की मांग कर रही हैं और न ही इस आंदोलन का समर्थन कर रहीं हैं. इस आंदोलन ने विधायक की पूरे मेवात में पोल खोल दी है, जिसको लेकर पूरे मेवात क्षेत्र में नाराजगी है.


मेवात का हर कोई व्यक्ति यही कह रहा है कि विधायक मेवात की तरक्की नहीं चाहती है, लेकिन पूरा मेवात क्षेत्र कामां को जिला बनाने के लिए लाल दरवाजे पर चल रहे आंदोलन के साथ तन-मन-धन से कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है.


26 जनवरी को जयपुर करेंगे कूच


दोलावास नगला मुकारिब निवासी शमशेर का कहना है कि हमारे यहां सभी समाज के लोग कामां के लाल दरवाजा पर कामां  को जिला बनाने की मांग को लेकर धरना पर बैठे हैं. लेकिन यहां की विधायक ने एक बार भी यह नहीं सोचा है कि कामां जिला बन जाए. आंदोलन में सभी समाज के लोग हिन्दू , मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई शामिल हैं.


इसके बावजूद विधायक ने चुप्पी साध रखी है. आंदोलन को दो महीने से भी ज्यादा हो गए हैं, लेकिन विधायक ने अभी तक एक बार भी सरकार के सामने  यह मांग तक नहीं उठाई है कि कामां को जिला बनाया जाए. उन्होंने कहा कि कामां के जिला बनने से सभी पिछड़े क्षेत्र को फायदा होगा. आंदोलनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानीं गई, तो 26 जनवरी को कामां जिला बनाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर मेवात क्षेत्र के लोग अधिक से अधिक संख्या में जयपुर कूच करेंगे.


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