Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के किसानों को खुशहाल एवं समृद्ध बनाना के उद्देश्य के साथ दूसरी बार पुस्तक कृषि बजट पेश कर पूरे देश में राज्य की मिसाल कायम की है. इस बजट में किसानों के लिए नई योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये 12 कृषि मिशन शुरू किये गये हैं. इसी सिलसिले में आज जोधपुर में दो दिवसीय किसान पशुपालन मेले का आयोजन किया गया. 


अधिक से अधिक किसानों ने इस मेले में पहुंचकर खेती व पशुपालन व पशुओं की नस्ल को लेकर जानकारी हासिल करते देखा. किसान पशु मेले में मुख्य आकर्षण के तौर पर देखा गया मुर्रा नस्ल का (भैंसा) बफेलो जिसका नाम भीम है. इस मेले में आने वाले नेता मंत्री व आम किसान वैसे को निहारते नजर आया साथी हर कोई इस बच्चे के साथ सेल्फी लेते दिखा.


भैंसा भीम को देखने के लिए देश विदेश के लोग भी आते हैं


अरविंद प्रजापत ने बताया कि देश में मुर्रा नस्ल का नंबर वन बफेलो भैंसा भीम है. यह नाम से ही भीम नहीं है देखने पर भी आपको इसकी कद काठी से भीम जितना मजबूत नजर आएगा. यह खास नस्ल है. मुर्रा नस्ल के भीम को देखने के लिए देश विदेश के लोग भी आते हैं.  इस किसान मेले में हर किसी की पहली पसंद बना हुआ है. भीम को खरीद के लिए 24 करोड़ तक की बोली लग चुकी है. बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान सहित कई देश के नामी-गिरामी बिजनेसमैन सहित विदेशी एजेंसियां भी भीम को खरीदने में इंटरेस्ट दिखा चुकी है.


प्रतिदिन खाने पर 4 से 5 हजार रुपए का आता है खर्च


अरविंद ने बताया मुर्रा नस्ल का भैंसा है जिसका नाम भीम है. इसकी देखभाल के लिए 3 से 4 लोग लगे रहते हैं. रोजाना सुबह और शाम 5 से 7 किलोमीटर वाकिंग भी करवाई जाती है. भीम की उम्र करीब 8 साल हो चुकी है. इसके प्रतिदिन खाने पर खर्च 4 से 5 हजार रुपए का आता है. अंडे, दूध, मक्खन, ड्राई फ्रूट्स व फल के साथ मौसम के अनुसार चारा दिया जाता है. भीम की सेहत की जांच रोजाना सुबह की जाती है. 15 दिन बाद भीम की सेविंग व मसाज किया जाता है. इसकी हाइट 6 फिट व लंबाई 14 फीट के करीब हैं.


संभाग भर से यहां पहुंच रहे किसान


पशुधन बोर्ड के चेयरमैन राजेंद्र सोलंकी ने बताया कि किसान पशु मेले में किसानों के बीज से लगाकर पशुओं तक की प्रदर्शनी लगाई गई है. यहां पर किसान पहुंचकर सभी तरह की जानकारी जुटाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. संभाग भर से किसान यहां पहुंच रहे हैं. इस मेले को लेकर किसानों में काफी उत्सुकता है, साथ ही पशुओं को किस तरह से रखा जाए कौन सी नस्ल की रखरखाव किस तरह से किया जाए उसकी पूरी जानकारी दी जा रही हैं.


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