Bhiwadi AQI: राजस्थान के भिवाड़ी का प्रदूषण स्तर गुरुवार को डेंजर जोन में पहुंच गया. एक तरफ जहां दिल्ली का गुरुवार को एक्यूआई 460 दर्ज किया गया तो वहीं भिवाड़ी का 360 दर्ज हुआ. लेकिन गुरुवार शाम को भिवाड़ी में एक्यूआई 419 तक जा पहुंचा ,प्रदूषण स्तर को देखते हुए एनसीआर सहित भिवाड़ी में ग्रेप के नियमों की तृतीय चरण की पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं. इन हालात में अब चौथे चरण के तहत ग्रेप की पाबंदियां लागू कर दी जाएंगी.


दिल्ली, भिवाड़ी सहित पूरे एनसीआर का प्रदूषण गुरुवार को सुबह बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया. दिल्ली में गुरुवार को जहां प्रदूषण का स्तर 426 दर्ज किया गया तो वहीं भिवाड़ी का एक्यूआई का स्तर 360 रहा. लेकिन शाम होते होते भिवाड़ी की आबोहवा भी खतरनाक स्तर पर जा पहुंची. गुरुवार शाम को भिवाड़ी में एक्यूआई 419 तक जा पहुंचा, यहां ग्रेप के नियमो के तहत अब चौथे चरण की पाबंदियां लागू हो जाएगी, जिसके तहत सार्वजनिक परियोजना जैसे राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, पावर ट्रांसमिशन से सम्बंधित निर्माण कार्यो पर पाबंदी रहेगी.


6 नवंबर तक लगी रोक
इसके साथ ही भिवाड़ी में ग्रेप के नियमों के चौथे चरण के तहत इस क्षेत्र की हजारों फैक्ट्रियों पर 6 नवंबर तक उत्पादन पर रोक रहेगी उसके बाद एक्यूआई का फिर से मूल्यांकन किया जाएगा. फिर उसी अनुसार नियमों शिथिलता भी आ सकती है और सख्ती को आगे भी बढ़ाया जा सकता है. ग्रेप की पाबंदियों के हिसाब से चार चरण बनाये गए हैं. इसमें पहले स्तर पर एक्यूआई 201 से 300, दूसरे चरण में 301 से 400 व तीसरे चरण में 401 से 450 और 451 से अधिक होने पर अलग अलग चरण के अनुसार पाबंदियां लगाई जाती है.


400 पार पहुंचा AQI
प्रदूषण का यह स्तर मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक है. पिछले 29 अक्टूबर को जहां दिल्ली का एक्यूआई स्तर 450 पहुंच गया था तो वहीं भिवाड़ी का 358 पर दर्ज किया गया था तभी से दिल्ली सहित पूरे एनसीआर क्षेत्र में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियां लागू कर दी गई थी . इन पाबंदियों के तहत क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के साथ-साथ किसी भी कंपनी या सोसाइटियो में डीजी सेट नहीं चलेगा और कहीं पर भी खुले में निर्माण सामग्री को नहीं रखा जाएगा. साथ ही जहरीला धुआं उगलने वाली औद्योगिक निर्माण इकाइयों को भी बंद करने के आदेश दे दिए गए थे लेकिन एयर कमीशन के इन आदेशों की पालना कहीं भी नहीं की गई जिससे एक्यूआई चार सौ के पार जा पहुंचा और अब ग्रेप के नियमो के तहत चौथे चरण की पाबंदियां लागू कर दी गयी है .


पिछले साल 500 पार पहुंच गया था AQI
ऐसा माना जा रहा है आने वाले दिसंबर और जनवरी महीने में भिवाड़ी सहित पूरे क्षेत्र का और भी बुरा हाल होने वाला है ,गत वर्ष तो भिवाड़ी का प्रदूषण स्तर 500 के ऊपर पहुंच गया था, नवंबर माह में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए लग रहा है कि भिवाड़ी दोबारा से प्रदूषण उन्ही हालात में पहुंचने वाला है .


प्रदूषण को कम करने के लिए रीको की तरफ से सड़कों पर छिड़काव कर कुछ प्रयास जरूर किए जा रहे हैं तो वहीं नगर परिषद ने भी स्मोक गन से भिवाड़ी की सड़कों के आसपास छिड़काव करना शुरू कर दिया है. रीको की अग्निशमन गाड़ियां जहां रोजाना 25 से 30 किलोमीटर के एरिया में छिड़काव कर रही हैं तो वही नगर परिषद की स्मोक गन भी करीब 15 से 20 किलोमीटर का क्षेत्र रोजाना कवर कर रही है लेकिन बावजूद इसके भी भिवाड़ी शहर का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है.


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