Rajasthan: गहलोत-पायलट के बीच सियासी खेल पर भूपेंद्र यादव का बड़ा बयान, सचिन को बीजेपी में लाने पर कही ये बात
Rajasthan Politics: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजस्थान पिछड़ गया है, इसलिए बीजेपी सरकार का गठन तय है.
Bhupendra Yadav Statement on Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में जारी घमासान को लेकर राहुल गांधी के प्रयायों के बाजवूद सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच सियासी आंखमिचौली अब भी जारी है. इस बीच केंद्रीय मंत्री और बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव ( Bhupendra yadav ) ने कांग्रेस के शीर्ष दो नेताओं के बीच जारी सुप्रीमेसी की जंग को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सचिन पायलट को हम क्यों बीजेपी में लाएंगे? बीजेपी नेता का ये बयान एएनआई के एक सवाल के जवाब में सामने आया है.
कांग्रेस खेल रही है रुमाल झपट्टे का खेल
दरअसल, एक साक्षात्कार के दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह पूछे जाने पर कि क्या आप सचिन पायलट को बीजेपी में लाएंगे, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को हम क्यों लाएंगे अपनी पार्टी में. वो अपनी पार्टी में हैं, हम अपनी पार्टी में हैं. इसके बाद जब भूपेंद्र यादव से यह पूछा गया कि लंबे अरसे से पायलट के बीजेपी में शामिल होने की बात चल रही है. इस पर उन्होंने कहा कि राजस्थान में बीजेपी पूरी तरह से मजबूत स्थिति में है. राजस्थान में कांग्रेस के नेता पिछले पांच साल से रूमाल झपट्टे का खेल खेल रहे हैं.
स्तरहीन भाषा का इस्तेमाल दोनों का निजी मसला
एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ( Bhupendra yadav ) ने कहा कि दोनों ने जिस तरह से एक-दूसरे के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो गलत है. हालांकि, ये उनका निजी मसला है. इसमें मुझे कुछ नहीं कहना है, लेकिन सीएम अशोक गहलाते को सचिन पायलट के गद्दार शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसे किसी भी रूप में सही नहीं माना जा सकता है.
बीजेपी की सरकार में वापसी तय
इसके आगे उन्होंने कहा कि गहलोत के कार्यकाल में राजस्थान में कानून व्यवस्था, बिजली, पानी, रोजगार व अन्य सभी मामले में राजस्थान पिछड़ गया है. हम जिस जगह पर राजस्थान को छोड़कर गए थे, आज वो वहां से पिछड़ गया है, इसलिए राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनना तय है. बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 का परिणाम आने के बाद से गहलोत-पायलट में राजनीतिक स्तर पर छत्तीस का आंकड़ा है.