Rajasthan News: राजस्थान की राजनीति में इस समय 'फॉरच्यूनर' की खूब चर्चा है. पहले कांग्रेस और अब बीजेपी ने इसे चुनावी हथियार बना लिया है. पिछले दिनों जन आक्रोश रैली रथ यात्रा को रवाना करने पहुंचे बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने मंच से कहा कि उस मंत्री की बात सच होगी, कांग्रेस के इतने विधायक आयंगे कि 'फॉरच्यूनर' में बैठकर जायेंगे. बीजेपी की तीन चौथाई की सरकार बनेगी.


दरअसल, ये 'फॉरच्यूनर' की बात 10 नवंबर को अशोक गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कही थी. तभी से बीजेपी इस बात को हर सभा और रैली में दोहरा रही है, ऐसा लगता है कि बीजेपी ने इस शब्द को अपना ही लिया है.


यहां से उठी थी मांग
दरअसल, 10 नवंबर को मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा था कि अगर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो कांग्रेस के इतने विधायक चुनाव जीतकर आएंगे कि फॉरच्यूनर कार में बैठक विधान सभा जायेंगे. इस दौरान कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने भी बयान का समर्थन किया. कांग्रेस के मंत्री और विधायक के बयान की खूब चर्चा हुई थी. इसके बाद से लगातार बीजेपी इस बात को उठा रही है. कांग्रेस में तो अब इस बात पर चर्चा नहीं है, लेकिन यहां के सियासी माहौल में 'फॉरच्यूनर' खूब छाया है.


बगावत के बाद जारी है बयान बाजी
राजस्थान में कांग्रेस में बगावत हुई उसके बाद से लगातार कांग्रेस और बीजेपी में बयानबाजी जारी है. अब बीजेपी के पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने कोटा में कह दिया कि कांग्रेस विपक्ष नेता भी नहीं बना पाएंगी. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस के इतने विधायक जीतेंगे कि बस ऑटो में बैठकर विधान सभा जा पाएंगे. हालांकि, अब कांग्रेस इस बयान का विरोध भी कर रही है, लेकिन बीजेपी के पास ये 'शक्ति बाण' जैसा शब्द हाथ लग गया है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में इसे और तेज किया जायेगा. हर सभा और रैली में 'फॉरच्यूनर' शब्द छाया रहेगा. 


वसुंधरा की बातें भी चर्चा में
जन आक्रोश रथ यात्रा की रवानगी के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा बीजेपी को जो जीत का मंत्र दिया गया वो चर्चा में है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा था कि अशोक गहलोत के कुशासन को बताना और पूर्व की राजस्थान की सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाना है. हम सब को कंधे से कंधा मिलाना है. उन्होंने अपने सरकार द्वारा किये गए कार्यों को बताने पर जोर दिया, इसको लेकर बीजेपी में खूब चर्चा है. जबकि, मंच पर बाकी नेता बस केंद्र सरकार की योजनाओं को गिना रहे थे.




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