Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच अब विपक्ष भी कांग्रेस चुटकी लेता नजर आ रहा है. प्रदेश के बीजेपी के दिग्गज नेता और विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने प्रदेश के मौजूदा हालात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
'अंतर्कलह से हुआ था सरकार का जन्म'
राजेंद्र राठौड़ ने कहा, "यह 'नाटक' नहीं होना चाहिए, इस नाटक के साथ काफी है. कभी होटलों में दिनों तक रुकते हैं, तो कभी सरकार चलाने वाले नेता किसी और पार्टी में चले जाते हैं, इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता." उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान का राजनीतिक घटनाचक्र सरकार की अस्थिरता की ओर संकेत करता है. इस सरकार का जन्म अंतर कलह से हुआ और दुर्भाग्य से अंतर कलह अब भी चल रही है. पहली बार बहादुर विधायकों ने अपने आलाकमान को ललकारा है.
शेखावत ने भी कसा तंज
वहीं इससे पहले केंद्रीय जल मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी राजस्थान सरकार पर तंज कहा था. गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में एक बार फिर बाड़ेबंदी की सरकार, बाड़े में जाने के लिए तैयार हो.
उधर, अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधायकों से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार इस मुलाकात में डोटासरा ने विधायकों से यह बात मनवाने की कोशिश की कि यह प्रस्ताव पारित हो सके कि पार्टी इकाई, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को राज्यके सीएम पर निर्णय के लिए अधिकृत कर रही है. हालांकि विधायकों ने उनकी बात नहीं मानी.
डोटासरा को विधायकों की दो टूक
सूत्रों के अनुसार गोविंद सिंह डोटासरा विधायकों को प्रस्ताव पारित करवाने के लिए मनाने गए थे मगर विधायकों ने ये कह कर मना कर दिया था कि हम नहीं जाएंगे. सूत्रों का दावा है कि विधायकों ने कहा कि गहलोत साहब तो सोनिया गांधी के सामने चुप हो जाएंगे और फंस हम जाएंगे.
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