Rajasthan Politics News: गुजरात में मिली ऐतिहासिक जीत से राजस्थान में बीजेपी गदगद है. राज कायम करने के लिए गुजरात में कई सारे, नए फार्मूले और नियम अपनाए और लागू भी किये गए थे. माना जा रहा है कि गुजरात मॉडल को राजस्थान में भी लागू किया जायेगा. जब वर्ष 2023 में विधान सभा के लिए यहां के राजनीतिक रिवाज के हिसाब से बीजेपी अपने को मजबूत मान रही है, तो ऐसे में इनके लिए चुनौती और कड़ी हो जाती है. वहीं बीजेपी ने गुजरात के 2022 मॉडल को अपनाने की पहल शुरू की है. इसमें से एक कड़ी पन्ना प्रमुख का भी है, लेकिन क्या यहां पर टिकट भी काटे जाएंगे? इसके लिए क्या रणनीति होगी?


तीन सर्वे में तय होगा टिकट
राजस्थान में बीजेपी साल 2023 के लिए किसे टिकट देगी? क्या होगा फार्मूला इसपर पूरी मेहनत जारी है. राजस्थान बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने बताया कि पार्टी तीन सर्वे कराएगी, इसके हिसाब से निर्णय होगा. सर्वे में यह भी देखा जायेगा जिसके लिए सर्वे में अच्छा बताया गया है क्या वह कार्यकर्ता पार्टी के प्रति निष्ठावान है या नहीं है. बाद में उसके जीतने पर कोई सवाल न उठे. उन्होंने कहा कि यहां पर हम सत्ता में नहीं है. इसलिए गुजरात से थोड़ा अलग स्थिति है, लेकिन गुजरात मॉडल को भी अपनाया जायेगा और सर्वे प्राथमिकता में रहेगा. यहां मजबूती से हम चुनाव लड़ेंगे.


गुजरात और हिमाचल में यह हुआ है लागू
बीजेपी ने इस बार गुजरात चुनाव में कुल 50 प्रतिशत से ज्यादा विधानसभाओं में चेहरे बदले थे. इनमें विधायक, मंत्री और पूर्व प्रत्याशी शामिल थे. इसका परिणाम भी बेहतर आया है. इसे ही आगे बढ़ाने की चर्चा है, लेकिन वहीं हिमाचल में 20 प्रतिशत विधायकों के टिकट काटे और नुकसान भी पार्टी को उठाना पड़ा. टिकट वितरण पर बीजेपी पूरी कसरत कर रही है. इसबार कहीं पर कोई चूक नहीं चाहती है. 


यहां भी होगी इस बार तैयारी
राजस्थान में आसींद, पीलीबंगा सहित 10 सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी प्रत्याशी की हार का अन्तर 1000 से कम वोटों का रहा है. बीजेपी की तुलना में कांग्रेस को 1.70 लाख वोट अधिक मिले थे, यानी सिर्फ आधे प्रतिशत का अंतर था. वहीं पोखरण भी बीजेपी की सबसे हिट सीट रहेगी. कम अंतर से हारने वाली सीटों पर बीजेपी बड़ी जीत चाहेगी. इस बार पूरी तैयारी है. 


2013 से बेहतर हो प्रदर्शन
राजस्थान में बीजेपी को 2013 कुल 163 सीटें मिली थी. साल 2008 के मुकाबले कुल 85 सीटें ज्यादा थी. वहीं कांग्रेस को कुल 75 सीटों का नुकसान हुआ था. लेकिन बीजेपी वर्ष 2018 में अपनी सरकार रिपीट नहीं कर पाई थी. बीजेपी को कुल 90 से ज्यादा सीटों का नुकसान हुआ. वहीं कांग्रेस को 80 सीटों का फायदा हुआ. इस बार बीजेपी की चुनौती होगी कि वर्ष 2013 से बेहतर सीटें आए.




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