Jodhpur News: दीपावली से पहले रिजर्व बैंक ने अलग-अलग चेस्ट करेंसी में नए छोटे नोट भेजे हैं, लेकिन इनकी संख्या बेहद कम है. ग्राहक बैंकों से डिमांड कर रहे हैं, लेकिन बैंकों में नए छोटे नोट नहीं मिल रहे. संकट के चलते छोटे नए नोटों की कालाबाजारी शुरू हो गई है. खासतोर से दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा के दौरान मान्यता है कि नोटों की पूजा की जाती है नए व कड़क नोट बैंकों से नदारद है लेकिन बाजार में नए नोटों की धड़ल्ले से हो रही है ब्लैक मार्केटिंग एक नोट की गड्डी पर ₹400 से लगाकर ₹1000 अधिक देने पर मिलते हैं
इसलिए है छोटे नोट की मांग
- दीपावली में दान-दक्षिणा में सर्वाधिक उपयोग.
- दीपावली पर गणेश-लक्ष्मी पूजा में चढ़ावा.
- दीप पर्व पर छोटी करेंसी रखना शुभ होने की मान्यता.
- जुआ खेलने में भी छोटे नोट का अधिक उपयोग.
देशभर के सभी शहरों में नए वकत नोटों की गड्डी का व्यापार आसमान छू रहा है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक के कठोर नियम की धज्जियां उड़ाते नए व कड़क नोटों के व्यापारी जमकर कूट रहे हैं चांदी आमतौर पर सभी बैंकों में दीपावली के दौरान नए व कड़क नोट ग्राहकों के लिए आते हैं वह नोट बैंकों से नदारद है बता दे कि-
नोटो की गड्डी नए नोटों की गड्डी कीमत कमीशन
10x100 10x100 1570/- 570/-
20x100 20x100 1450/- 450/-
50x100 50x100 1400/- 400/-
100×100 100×100 1350/- 350/-
फटे पुराने व खराब नोट बदलने वाले लाइसेंसी कारोबारियों के पास नए नोट अधिक कीमत देने के बाद मिल रहे हैं. लेकिन यह धंधा करने वाले परिचितों को ही नए नोट देते हैं. चौक क्षेत्र में चल रहे इस कारोबार को जानने वाले बताते हैं कि दीपावली के महालक्ष्मी पूजा के लिए नए 10 व 20 रुपये के नोटों की गड्डी के बदले लोग 500 से 1000 रुपये तक अधिक कीमत देने को तैयार हो जाते हैं.
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