Jaisalmer News: लड़कियों की तरह फोन पर आवाज निकालते फिर जाल में फंसा लूट लेते लाखों रुपये, पुलिस ने किया पर्दाफाश
पुलिस ने इस तरह के साइबर घटना को देखते हुए तकनीकी सहायता से प्राप्त नंबरों का विश्लेषण किया. टीम ने हरियाणा, यूपी के साथ राज्य में अलवर, जयपुर, सवाई माधोपुर और भरतपुर जिले में वांछितों की तलाश की.
Jaisalmer News: आपके मोबाइल पर अनजान नंबर या फिर अनजान व्यक्ति से बात करना और वीडियो कॉल उठाना आप को महंगा पड़ सकता है, क्योंकि प्रदेश में एक ऐसी गैंग सक्रिय हो गई है जो कि लड़कियों जैसी आवाज को हथियार बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसा लेती है और ब्लैकमेल करती है. आपके मोबाइल पर भी कोई अनजान नंबर से वीडियो कॉल या कॉल आए तो सावधानी बरतना जरूरी है क्योंकि ऐसे ही एक मामले का पुलिस ने खुलासा किया है.
दरअसल जैसलमेर पुलिस ने अश्लील वीडियो कॉलिंग के जरिए लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जबकि एक अन्य नाबालिग को डिटेन किया गया है. पिछले दिनों एक शख्स ने पुलिस को रिपोर्ट दी थी कि 22 अगस्त को उसके मोबाइल पर एक अनजान व्यक्ति ने वाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया. उसने अपना नाम कीर्ति आहूजा निवासी रोहतक, हरियाणा बताया. उस व्यक्ति ने शिकायतकर्ता को वीडियो कॉल और मैसेज के जरिए हनी ट्रैप में फंसाने के उद्देश्य से स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर ली और बाद में अश्लील स्क्रीन रिकॉर्डिंग्स को समाज में वायरल करने की धमकी देते हुए रुपए मांगने शुरू कर दिए. उसने हजारों रुपए ब्लैकमेलर के बताए खाते में जमा भी करवा दिए. यह मामला मोहनगढ़ पुलिस थाना में दर्ज किया गया.
तकनीकी सहायता से पुलिस ने गुत्थी सुलझाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक भंवरसिंह नाथावत ने मामले में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस को दिए. थानाधिकारी मोहनगढ भवानीसिंह व थानाधिकारी रामगढ़ प्रेमाराम के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम में सउनि जगदान मय पवन कुमार, नरेश कुमार, संदीप कुमार, दीपक कुमार, डूंगरदान, देवेन्द्र कुमार, गेनाराम और तकनीकी सहायता के लिए सउनि मुकेश बीरा और हजारसिंह व भीमराव सिंह शामिल किए गए.
पुलिस टीम को आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि भरतपुर के आसपास के क्षेत्र में 15 से 17 वर्ष के बीच के किशोरों द्वारा इस प्रकार के न्यूड वीडियो बनाकर लोगों को ठगा जाता है. क्योंकि इस उम्र के बच्चों की आवाज पतली एवं महिलाओं जैसी होती है. इस कारण लोग झांसे में आ जाते हैं और गाढ़ी कमाई लुटा बैठते हैं. यह गिरोह एक संगठित अपराधियों की तरह काम करता है जिसमें वीडियो बनाने वाले अलग, बैंक का खाता खोलने वाला अन्य व्यक्ति, मोबाइल उपलब्ध करवाने वाला अलग, सिम उपलब्ध करवाने वाला व्यक्ति अलग होता है. ये सभी आपस में कनेक्ट रहते हैं.
कई राज्यों में की तलाश
पुलिस ने इस तरह के साइबर घटना को देखते हुए तकनीकी सहायता से प्राप्त नंबरों का विश्लेषण किया. टीम ने हरियाणा, उत्तरप्रदेश के साथ राज्य में अलवर, जयपुर, सवाई माधोपुर और भरतपुर जिले में वांछितों की तलाश की. 10 दिन तक मशक्कत दौरान ठगी करने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी अंसार को गिरफ्तार किया गया और एक अन्य नाबालिग को पुलिस संरक्षण में लेकर डिटेन किया. मामले की जांच जारी है.
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