Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी में जन्म से ही पूरी नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी ने कभी सोचा नहीं था कि बीए तक पढ़ाई करने के बावजूद उसे भगवान की दी हुई नेत्रहीनता की इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. ऑनलाइन फॉर्म में ई-मित्र वाले से हुई गलती से पिछले एक साल से कड़ी मेहनत से ऑडियो सुनकर बीएड की तैयारी कर रहे बूंदी के इस नेत्रहीन छात्र का भविष्य संकट में आ गया है.
ये हुई गलती
दरअसल नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी के बीएड के फॉर्म में दो वर्षीय बीएड की जगह चार वर्षीय बीए बीएड का विकल्प भर गया और नेत्रहीनता के कारण उसे पता भी नहीं चल पाया. अभी 23 जून को जब प्रवेश पत्र जारी हुआ तब जाकर पता चला कि वह तो परीक्षा ही नहीं दे पाएगा. पीड़ित छात्र ने परिवार और अन्य लोगों के साथ मिलकर अपना भविष्य बचाने के लिए मदद मांगी है. पीड़ित छात्र ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मार्मिक अपील करते हुई हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगाई है.
कुलपति से परीक्षा की अनुमति की मांग
इस मामले में बीएड परीक्षा को आयोजित करने वाले जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति से मदद मांगी है. उन्होंने कुलपति को मेल भेजकर मानवीय आधार पर नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी को चार वर्षीय बीए बीएड के स्थान पर दो वर्षीय बीएड की परीक्षा में बैठने की अनुमति जारी करने की मांग की है. रोहित के साथ चर्मेश शर्मा ने कुलपति को लिखे पत्र में कहा कि रोहित नेत्रहीन है यह ईश्वर का अन्याय है और हम देख सकते हैं यह हम पर ईश्वर की कृपा है. इसलिए भगवान की दी हुई नेत्रहीनता के कारण बीएड के विकल्प को भरने में गलती हो गयी उसे संशोधित किया जाना चाहिये. उल्लेखनीय है कि दोनों परीक्षाओं का आयोजन आगामी तीन जुलाई को इसी विश्वविद्यालय के द्वारा किया जा रहा है.
दो भाई दोनों नेत्रहीन
रोहित और जतिन दो भाई हैं, लेकिन दोनों जन्म से ही पूरी तरह नेत्रहीन हैं. यही कारण रहा कि जब ई-मित्र से फार्म भरने में विकल्प के चयन में गलती हुई तो घर में भाई के भी नेत्रहीन होने से किसी को इसका किसी को पता नहीं चल पाया. उल्लेखनीय है कि हायर सेकेंडरी स्तर के विद्यार्थियों के लिए चार वर्षीय बीए बीएड की प्रवेश परीक्षा होती है. वहीं स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए दो वर्षीय बीएड की प्रवेश परीक्षा होती है.
कुलपति को भेजकर दिलवाएंगे न्याय- डीएम
रोहित के साथी छात्र नेताओं ने कहा कि पीड़ित छात्र को न्याय दिलाने के लिए आखिर तक संघर्ष किया जाएगा. वे छात्र के साथ जिला कलेक्टर से मिलकर विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम ज्ञापन भी दिया. जिला कलेक्टर रेणु जयपाल ने कहा कि वाजिब मांग है. कुलपति को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा कोशिश है कि पात्रता में नंबर आ जाए. छात्र नेताओं ने कहा कि इस मामले में पीड़ित छात्र का भविष्य बचाने के लिए सभी संवैधानिक विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. जोधपुर के छात्र नेताओं से भी इस मामले में संपर्क करते हुए मदद मांगी गई है.
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