Udaipur News: विश्व में अपनी खूबसूरती की धाक रखने वाली झीलों की नगरी उदयपुर में आने वाले पर्यटकों के लिए झटका है. इस खूबसूरत शहर का दिल कहे जाने वाली फतहसागर झील में अब यहां आने वाले पर्यटक बोटिंग नहीं कर पाएंगे. 1 अक्टूबर यानी कल से झील के अंदर से सभी बोट हटा दी जाएगी. इसके लिए एक याचिका पर हाई कोर्ट ने मार्च में बोट हटाने का आदेश दिया था और 6 माह की मोहलत दी थी. 30 सितंबर को यानी आज यह समाप्त हो चुकी है. इसलिए झील में बोटिंग कराने वाले ठेका संचालकों को नगर विकास प्रन्यास के सचिव बाल मुकुंद असावा ने आदेश जारी कर बोट हटाने की कहा है. 


उदयपुर जो भी आया, बिना बोटिंग नहीं जाता
उदयपुर की फतहसागर झील की खूबसूरती की खासियत यह है कि शहर के बीच मे होते हुए भी चारों तरफ नेचुरल ब्यूटी दिखाई देती है. आस पास एक भी आबादी क्षेत्र नहीं है. चारों तरफ पहाड़ और उसके आसपास का करीब 8 किलोमीटर रोड. कोई भी पर्यटक कहीं से भी उदयपुर आता है तो उसके टूर पैकेज में बोटिंग जरूर होती है. बोटिंग का लुत्फ उठाए बिना कोई पर्यटक नहीं जाता है. हालांकि शहर के बीच में पिछोला झील भी है, जहां भी बोटिंग होती है लेकिन पिछोला से कई गुना ज्यादा फतहसागर को पसंद किया जाता है. सीजन के समय बोटिंग के लिए 3-3 घंटे बुकिंग के लिए इंतजार करना होता है. 


इसलिए हटेगी बोट 
झील प्रेमी लोगों ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें झीलों से पेट्रोल-डीजल चलित नावों को हटाने का अनुरोध किया था. तर्क दिया था कि पेट्रोल-डीजल चलित बोट से पक्षियों सहित जलीय जीवों पर संकट है. साथ ही झीलों का पानी शहरवासियों के पीने के उपयोग में आता है. ऐसे में नावें चलती है तो पानी दूषित हो रहा है. इस पर हाई ने रोक लगा हटाने का आदेश दिया. अब यहां सोलर और बैटरी चलित नावे ही चला सकते हैं. बता दें कि फतहसागर झील में 28 और पिछोला झील में 68 नावें पेट्रोल से चलती हैं जो बाहर होंगी.


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