Bundi News: राजस्थान के बूंदी में जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में जिला कलेक्टर रेणु जयपाल ने आग लगने की मॉक ड्रिल की तो अस्पताल प्रशासन की पोल खुल गई. बूंदी पुलिस कंट्रोल रूम से जिला अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में आग लगने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर नगर परिषद की दमकल सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा गया. जब फायर सिस्टम को शुरू किया तो सिस्टम शुरू नहीं हो सका. डीएम रेणु ने पीएमओ से इस मामले की जानकारी ली तो पीएमओ ने कहा कि फायर सिस्टम के तो उपकरण ही चोरी हो चुके हैं, जिससे वह चालू नहीं हो रहा है. ऐसे में डीएम ने पीएमओ को मौके पर फटकार लगाई.
डीएम ने लताड़ लगाई
सूचना पाकर सिविल डिफेंस, परिषद दमकल की टीम भी मौके पर पहुंची थी. जिनसे डीएम ने फायर उपकरण मांगे तो उनके पास भी उपकरण नहीं मिले. फिर क्या था डीएम रेणु जयपाल ने सभी अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई और कहा कि ऐसे में लोगों को मौत के मुंह में जाने से कैसे रोका जा सकता है. डीएम रेणु जयपाल ने कहा कि आज की गई मॉक ड्रिल में सभी अधिकारी तो पहुंचे गए. लेकिन फायर सिस्टम तो बिल्कुल चल नहीं सका. यह बहुत गंभीर बात है. उन्होंने पीएमओ को नोटिस थमाते हुए फायर सिस्टम में तैनात सभी कर्मचारियों को हटाने के लिए निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्हें पहले से पता था कि यह सामान चोरी हो चुके हैं तो क्यों अवगत नहीं करवाया गया? सहित कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है. मोबाइल के दौरान डीएम और प्रशासनिक अधिकारी 1 घंटे तक अस्पताल में मौजूद रहे और वहां की व्यवस्था जांचते रहे.
फिर होगी मॉक ड्रिल
डीएम ने कहा कि इस बार तो चोरी के कारण फायर सिस्टम फेल हो गया. अगली बार फिर से व्यवस्था चेक करने के लिए मॉक ड्रिल की जाएगी. ताकि पता लगाया जा सके कि हमारी व्यवस्था मजबूत है कि नहीं. उन्होंने कहा कि देश में आए दिन अस्पतालों में भीषण आग की घटनाएं सामने आती हैं. ऐसे में अस्पताल के पीएमओ को उन घटनाओं से सबक लेना चाहिए था और ऐसी महत्वपूर्ण चीजों के सिस्टम को सुचारू रूप से सही करवा कर तैयार रखना था लेकिन उनकी भी लापरवाही रही है.
लाखों रुपए का सिस्टम, 1 मिनट में फेल
जानकारी के अनुसार बूंदी जिला अस्पताल में लाखों की लागत से फायर सिस्टम लगाया गया था. यह सिस्टम एक बार भी काम में नहीं लिया गया. अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही के चलते इसके उपकरण चोरी हो गए. चोरी होने के बाद भी प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं था. जब मॉक ड्रिल की गई तो प्रशासन ने फायर सिस्टम को शुरू करने की लाख कोशिश करने के बावजूद भी सिस्टम शुरू नहीं हो सका. यही नहीं बूंदी शहर में नगर परिषद क्षेत्र में फायर ब्रिगेड सिस्टम है. इसके अलावा सिविल डिफेंस के कर्मचारी 24 घंटे कलेक्ट्रेट में तैनात रहते हैं. मात्र 500 मीटर की दूरी पर ही आग लगने की सूचना के बाद सभी लोग मौके पर पहुंच गए थे. लेकिन इन दोनों विभागों के पास भी फायर सिस्टम का कोई उपकरण मौजूद नहीं था.
ये अधिकारी पहुंचे, कंट्रोल रूम ने दी जानकारी
बूंदी जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लगी आग पर जल्द काबू पाने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. उसमें आग लगने के समय मरीजों को सुरक्षित निकालने के साथ ही आग पर कैसे काबू पाया जाए, इस पर ऑपरेशन किया गया. इसके माध्यम से संबंधित अधिकारियों की घटना स्थल पर समय पर पहुंच के साथ ही अस्पताल में मॉक ड्रिल के दौरान सभी तरह की आवश्यक व्यवस्था की जांच की गई. जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली आग लगने की सूचना पर कुछ ही समय में जिले की डीएम रेणु जयपाल, जिले पुलिस अधीक्षक जय यादव, अतिरिक्त जिला कलक्टर करतार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरीलाल सहित संबंधित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. साथ ही सिविल डिफेंस के कार्मी भी मौके पर पहुंच गए थे.