Rajasthan News: समय पर राशन वितरण में बूंदी रहा नंबर- 1, देखें पूरी लिस्ट
जिला रसद अधिकारी शिवजी लाल जाट ने कहा कि हर माह की 1 से 20 तारीख तक शहर से लेकर जिले में राशन वितरित होता है. 20 तारीख के बाद उपभोक्ता के राशन नहीं लेने पर हम अलर्ट हो जाते हैं.
Rajasthan News: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग राजस्थान (Food and Civil Supplies Department Rajasthan) की रैंकिंग में बूंदी (Bundi) जिला प्रथम स्थान पर आया है. आमजन को शत प्रतिशत राशन के बेहतरीन क्रियान्वयन पर हर महीने जिलों की सूची जारी होती है. बूंदी जिला विभाग की रैंकिंग में लगातार तीन महीने से अव्वल आ रहा है. दूसरे स्थान पर श्रीगंगानगर और तीसरे स्थान पर झुंझुनू जिला रहा है. सबसे नीचे सिरोही और अलवर जिलों की सूची रही. प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालय योजना के क्रियान्वन में पिछड़ गए हैं.
राजस्थान की राजधानी जयपुर लिस्ट में 24वें नंबर और जोधपुर 30वें नंबर पर है. उदयपुर का 29, अजमेर 28 और कोटा 20वें नंबर पर रहा है. राजस्थान में करीब 4 करोड़ के आसपास उपभोक्ता सरकार से राशन प्राप्त करते हैं. बूंदी रसद अधिकारी शिवजी लाल जाट ने बताया कि जिले में 2 लाख 25 हजार 475 उपभोक्ताओं को हमने 3 माह के भीतर पूरी राशन सामग्री पहुंचाई है और सभी कार्य ऑनलाइन ही संपादित होते हैं. यही कारण रहा कि जिले में सभी राशन उपभोक्ताओं को समय पर राशन मिल रहा है.
खाद्य विभाग ने 33 जिलों की रैंकिंग जारी की
राजस्थान खाद्य सुरक्षा योजना की अप्रैल और अगस्त की लिस्ट के साथ विभाग ने 33 जिलों की रैंकिंग जारी की है. बूंदी जिला 98 फीसद के साथ नंबर वन रहा . गंगानगर 97.69 फीसद, झुंझुनू 97.67 फीद रहा है. पाली 4वें, भरतपुर 5वें, बांसवाड़ा 6वें, झालावाड़ 7वें, हनुमानगढ़ 8वें, चुरू 9वें, डूंगरपुर 10वें, प्रतापगढ़ 11वें, करौली 12वें, नागौर 13वें, बीकानेर 14वें, डूंगरपुर 15वें, चित्तौड़गढ़ 16वें, जैसलमेर 17 वें, बाड़मेर 18वें, बारां 19वें, कोटा 20 वें, भीलवाड़ा 21 वें, राजसमंद 22 वें, सीकर 23 वें, जयपुर 24 वें, टोंक 25 वें, दौसा 26 वें, सवाई माधोपुर 27वें, अजमेर 28वें उदयपुर 29वें, जोधपुर 30वें, जालौर 31वें, सिरोही 32वें, अलवर 33वें पायदान पर रहे हैं.
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1 से 20 तारीख तक जिले में राशन का वितरण
जिला रसद अधिकारी शिवजी लाल जाट ने कहा कि हर माह की 1 से 20 तारीख तक शहर से लेकर जिले में राशन वितरित होता है. 20 तारीख के बाद उपभोक्ता के राशन नहीं लेने पर हम अलर्ट हो जाते हैं और ऑनलाइन लिस्ट निकाल कर राशन डीलर को भेजते हैं. लिस्ट में उपभोक्ताओं का नाम, उसके पिता का नाम पता और मोबाइल नंबर रहता. इससे उपभोक्ता को ट्रैक करना आसान हो जाता है.
रसद अधिकारी शिवजी राम जाट बताते हैं कि हर 3 दिन में लिस्ट को अपडेट करते हैं और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर राशन डीलर से लेकर पंचायत स्तर तक के लोगों को भेजते हैं और अपील करते हैं कि आस-पड़ोस में कोई राशन मिलने से वंचित न रह जाए. प्रयास रहता है कि जिले में सभी उपभोक्ताओं को राशन मिल सके. उन्होंने कहा कि जिले में वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक करीब 1 लाख 65 हजार उपभोक्ता थे जो एनएफएसए योजना के तहत नाम काटा गया जिसमें कई तो फर्जी थे.
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