Udaipur News: राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव है, इसके लिए हर वर्ग अपनी मांग तेज कर रहा है. वहीं, सबसे मजबूत माने जाने वाले वकील अब खिलाफत में उतरते नजर आ रहे हैं. उदयपुर में वकीलों की मांग 39 साल से चल रही है और हर पार्टी ने कई वादे किए लेकिन पूरे नहीं किए, जबकि चुनाव में वकील एक महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.


इस संबंध में अब वकीलों ने फैसला किया है कि जो पार्टी इस मांग को पूरा करेगी, वकील उसी को वोट देंगे अन्यथा नहीं करेंगे. अकेले उदयपुर कोर्ट से जुड़े 2000 से अधिक वकील हैं जो शहर के 4 गुना से ज्यादा को वोटर प्रभावित कर सकते हैं. यह पूरे संभाग की मांग है, यही मांग पूरे संभाग की है जिसमें करीब 10 हजार वकील जुड़े हुए हैं.


अब राजनीतिक पार्टियों को ऐसे निर्णय पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. वहीं गहलोत तो पहले ही इस मांग को मानने के किये इनकार कर चुके है. ऐसे में वकील सरकार के समर्थन में होती नहीं दिखाई दे रही है फिर भी वकील इंतजार में है.


39 साल से हर माह की 7 तारीख को रहता है कार्य बहिष्कार


वकीलों की यह मांग 39 साल पुरानी है, जिसके लिए वकील हर महीने की 7 तारीख को अपने काम का बहिष्कार करते हैं. उस दिन कोर्ट खुल जाता है लेकिन वकील काम नहीं करते. इसके अलावा कई बार आंदोलन ने उग्र रूप भी ले लिया है.


शुक्रवार 7 अक्टूबर को भी कार्य बहिष्कार किया गया. धरने में मेवाड़ वागड़ उच्च न्यायालय खंडपीठ संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नंदवाना ने बताया कि आगामी चुनाव में जो भी पार्टी इस मांग को और समर्थन देकर कंधे से कंधा मिलाकर साथ देगा, उसी पार्टी को आगामी चुनावों में मेवाड़ वागड़ के अधिवक्ताओं द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा.


इसके लिए जल्द उदयपुर संभाग स्तरीय विशाल सम्मेलन किया जाएगा. इसमें उदयपुर संभाग के सांसद, विधायक, प्रधान, उपप्रधान, पार्षद, सरपंच और वार्डपंचों को आमंत्रित किया जाएगा.


क्या है मांग और क्यों


वकीलों की पिछले 39 साल से एक ही मांग चली आ रही है वह है. उदयपुर में हाइकोर्ट बैंच की स्थापना. इसके पीछे कारण है कि  उदयपुर जनजाति क्षेत्र है. यहां के गरीब लोगों के कोर्ट में मामले होने के लिए हाइकोर्ट जोधपुर जाना पड़ता है जो उदयपुर से करीब 250 किलो मीटर दूर है. उनके जाने-आने का ही खर्चा काफी होता है. यहीं नहीं अफसरों को भी पेशियों के लिए जोधपुर जाना पड़ता है. इसी परेशानी को दूर करने के लिए बैंच की मांग की जा रही है.


अशोक गहलोत कर चुके मना


उदयपुर में हाई कोर्ट बैंच की स्थापना को लेकर सीएम अशोक गहलोत कई बार मना कर चुके हैं. इसके पीछे कारण है कि जोधपुर उनका होम डिस्ट्रिक्ट है. अगर हाई कोर्ट बैंच उदयपुर आती है तो इससे जोधपुर के वकीलों को नुकसान होगा. एक बार हुए उग्र प्रदर्शन में यह हुआथा कि जोधपुर के वकीलों के एक तबका उदयपुर के वकीलों के प्रदर्शन के विरोध में उतर गया था. यहीं नहीं बीजेपी सरकार में भी नेताओं ने वादे किए जो  पूरा अब तक नहीं हो पाया है.


वकीलों का कहना है कि अशोक गहलोत पिछली सरकार और इस बार वाली सरकार में कह चुके है कि जयपुर से हाई कोर्ट बैंच फिर जोधपुर लाने की मांग पर मैं खुद जोधपुर वकीलों के साथ बैठ चुका हूं तो उदयपुर में कैसे संभव है. ऐसे में अंदर ही अंदर वकील सरकार के खिलाफत में उतर रहे हैं.


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