Sirohi Breed Goats: भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के चौरासी विधानसभा सीट से विधायक राजकुमार रोत (Rajkumar Roat) ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि सिरोही नस्ल के बकरे (Sirohi Breed Goats) जो केन्द्र या राज्य सरकार के पशुपालन विभाग से किसानों को दिए गए हैं वो उन पशुपालकों तक नहीं पहुंचे.


उन्होंने कहा कि साल 19-20 से लेकर अभी तक के कुल 4 साल के आंकड़ें हमने निकलवाएं तो पता चला कि थाना बलवाड़ा के कई क्षेत्रों में पशुपालकों को 30 से 40 बकरे दिए गए. 


किसी पार्टी के नेता के भेंट चढ़ गए बकरे: राजकुमार रोत


रोत का कहना है कि अगर जांच करवाएं तो पता चलेगा कि पशुपालकों तक बकरे नहीं पहुंचे. ये बकरे किसी पार्टी के राजनेता के भेंट चढ़ गए हैं. सिरोही नस्ल के बकरे बेहतर होते हैं. ये काफी महंगे बिकते हैं. पशुपालकों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए केंद्र और राज्य के कृषि विभाग में सिरोही नस्ल के बकरे देने का प्रावधान है. विधानसभा में विधायक रोत ने कहा कि हम अधिकारी से यह पता करा लेंगे कि किस दल के नेता की पार्टी में ये बकरे बलि चढ़े हैं. 



क्यों है सिरोही नस्ल के बकरों की मांग?
दरअसल, सिरोही नस्ल के बकरों की राजस्थान में काफी डिमांड है. इसकी कीमत भी खूब होती है. इन बकरों की पहचान इनके रंग से की जा सकती. आमतौर पर इनका रंग भूरा, सफेद और पैच में रंगों का मिश्रण रहता है. बकरों का बाल मोटा और छोटा होता है. लेकिन सिरोही नस्ल की बकरियों का शरीर बड़ा और मध्यम आकार का होता है. सिरोही नस्ल के बकरों का वजन लगभग 50-60 किग्रा और बकरी का लगभग 25 से 40 किलो ग्राम होता है.


सिरोही नस्ल की बकरी रोज 1.5 लीटर दूध दे भी सकती हैं. बकरी के बच्चे का वजन 2 से 2.5 किलोग्राम होता है. सिरोही नस्ल की बकरी डेढ़ साल में दो बार बच्चा पैदा कर सकती है. इनके साथ जुड़वां बच्चे होना आम बात है. सामान्य तौर पर सिरोही नस्ल की बकरी 12 से 15 महीने की उम्र में बच्चा पैदा करना शुरू कर देती है. 


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