Rajasthan News: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में इस बार बाल दिवस खास होगा. स्कूलों में होने वाली विभिन्न गतिविधियों में अभिभावकों को जोड़ा जाएगा. यही नहीं बकायदा अभिभावकों की बैठक कर उनके विचार भी लिए जाएंगे. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि राज्य के सभी राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय में वर्ष 2022-23 में बाल समारोह आयोजित किए जाएंगे. सरकार ने इसके लिए बजट भी जारी किया है.


प्रदेश के 53 हजार 95 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 106.19 लाख रुपये व 15 हजार 360 माध्यामिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 30.72 लाख रुपए की राशि जारी की है. उधर बाल दिवस को खास बनाने के लिए स्कूलों को तैयारियों के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा. आदेश जारी होने के बाद संस्था प्रधानों ने तैयारी शुरु कर दी है.


छात्रों को तीन समूह में बांटा जाएगा
अतिरिक्त जिला परियोजना अधिकारी दिलीप सिंह गुर्जर ने बताया कि बाल दिवस पर आयोजित प्रतियोगिता के लिए छात्रों को तीन समूह में बांटा जाएगा. प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कार दिए जाएंगे. उन्होंने ने कहा कि स्कूल में अभिभावकों एवं जन प्रतिनिधियों का इस प्रकार स्कूल में आना न केवल उनमें जागरूकता उत्पन्न करेगा, बल्कि उनमें विद्यालय के प्रति अपनेपन की भावना उत्पन्न करेगा.


यह होंगे खेल
सरकार ने आदेश जारी करते हुए खेल की स्थिति को भी साफ किया है. आदेश के मुताबिक बाल दिवस पर साहित्यिक, खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता होगी. साहित्यिक प्रतियोगिताओं में वाद विवाद, आशु भाषण, निबंध, प्रश्नोत्तरी, अंग्रेजी और हिंदी शब्दों की अंताक्षरी आदि और खेलकूद प्रतियोगिताओं में खो-खो, कबड्डी, चम्मच दौड़, 100 मीटर दौड़, रूमाल झपटा आदि एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में गायन, नृत्य ड्रामा आदि होगी. साहित्यिक प्रतियोगिताओं के लिए जेंडर संवेदनशीलता, समावेशन, अनिवार्य बाल शिक्षा, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, बाल अधिकार आदि क्षेत्रों से संबंधित विषय लिए जा सकते हैं. इनके अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर प्रचलित अन्य खेलकूद, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रतियोगिताओं को भी सम्मिलित किया जा सकेगा. 


अभिभावकों का फीडबैक
बाल दिवस पर कार्यक्रम का समापन होने के बाद स्कूल में प्रिंसिपल-स्टाफ के साथ-साथ अभिभावकों की बैठक आयोजित होगी. जिसमें बाल दिवस पर आयोजित हुई प्रतियोगिता के बारे में फीडबैक लिया जाएगा. साथ में शिक्षा के स्तर के बारे में भी प्रधानाध्यापक अभिभावकों को जानकारी दे सकेंगे. छात्रों में अभिभावकों को पढ़ाई का स्तर पता लगेगा तो वह भी उसे दूर करने जुट जाएंगे. साथ ही ड्राप आउट बच्चों को शिक्षा से जोड़ना, बच्चों की विद्यालय में नियमित उपस्थिति, गृह कार्य की नियमितता, उनकी शैक्षिक प्रगति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं व बाल अधिकार कार्यक्रम आदि विषयों पर चर्चा की होगी. 


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