Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ के चंदेरिया हिंदुस्तान जिंक में एक टैंक के ब्लास्ट से हुए हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है. 12 अगस्त की रात में हुई इस घटना में 3 श्रमिकों की मौत हो गई और करीब 11 घायल हुए थे. इसमें एक घायल के बयान देने के बाद कहानी उल्टी हो गई है. अब तक ब्लास्ट का कारण आकाशीय बिजली बताई जा रही थी लेकिन जैसे ही घायल ने बयान दिए तो सभी चौंक गए. फिर पुलिस ने उसके बयानों के आधार पर जिंक प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. बड़ी बात यह कि कलेक्टर से गठित जांच कमेटी की अब तक रिपोर्ट नहीं आई है. 


घायल ने किया खुलासा
घायल बिहार नीरज चंदेरिया के बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. रिपोर्ट में संबंधित कंपनी पर लापरवाही का आरोप है. नीरज ने कहा कि वह वेल्डिंग का काम करता है. उस दिन हाइड्रो-2 में एसटी-1 टैंक का नोजल खराब होने से एसटी-2 टैंक में सल्फ्यूरिक एसिड को 99 प्रतिशत खाली करने का निर्देश मिला था. प्लांट बंद करने के बाद एसटी-1 से एसिड खाली कर रहे थे. इस दौरान एसटी-1 में मेंटेनेंस के लिए वेल्डिंग का काम भी होने लगा. इसी कारण विस्फोट हुआ.


नीरज ने यह भी कहा कि हादसे से बचने के लिए इक्विपमेंट्स भी नहीं रखा हुआ था. संभवत वेल्डिंग की चिंगारी से हादसा हुआ. नीरज के हाथ में लगी होने से उसके पैर के अंगूठे का निशान लिया गया. पुलिस ने कंपनी के खिलाफ आईपीसी धारा 336, 285, 337, 338, 304 ए में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 


ये था मामला
12 अगस्त की रात में अचानक एसिड टैंक में ब्लास्ट हो गया था. ब्लास्ट ऐसा था कि एक कर्मचारी का तो सिर्फ कंकाल मिला. मौके पर दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी औ 10 से ज्यादा घायल हुए थे जिन्हें उदयपुर के बाद गुजरात के अहमदाबाद रेफर किया. बाद में उपचार के बाद एक और कर्मचारी की मौत हुई. एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि घायल कर्मचारी की रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है जिसकी जांच शुरू कर दी है.


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