(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Udaipur News: रुपये के लालच में सेना की जानकारी भेजता था पाकिस्तान, CID इंटेलीजेंस ने पाक जासूस को ऐसे दबोचा
सीआईडी की पूछताछ में सामने आया कि नारायण से आईएसआई से जुड़े एक व्यक्ति ने संपर्क किया और रुपए का लालच दिया. कहा गया था कि एक सिम भेजेगा तो 2000 रुपए मिलेंगे.
Udaipur News: उदयपुर में 28 जून को आतंकी घटना में हुई कन्हैयालाल की हत्याकांड के बाद अब यहां जासूसी का एक बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तान में आईएसआई को उदयपुर स्थिति बीएसएफ कैंप की सूचनाएं भेजने वाले आरोपी नारायण लाल गाडरी को सीआईडी इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया है. नारायण पाकिस्तान को सेना की खुफिया जानकारी भेजता था.
महानिदेशक पुलिस (इंटेलीजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया कि राजस्थान सीआईडी इन्टेलीजेंस द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ओर से राजस्थान में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों की निगरानी के लिए ऑपरेशन सरहद चलाया जा रहा है. ऑपरेशन सरहद के तहत साल 2022 में अभी तक 6 मामले दर्ज कर अलग-अलग अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसी कड़ी में भीलवाड़ा में बमाली निवासी नारायण लाल गाडरी (27 वर्ष) का भी सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से निरंतर संपर्क में होना पाया गया. सीआईडी इंटेलीजेंस जयपुर द्वारा नारायण की गतिविधियों पर लगातार निगरानी शुरू की गई. उक्त संदिग्धों को जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर उसे गिरफ्तार किया.
एक सिम भेजने के मिलते थे 2000 रुपये
सीआईडी की पूछताछ में सामने आया कि नारायण से आईएसआई से जुड़े एक व्यक्ति ने संपर्क किया और रुपए का लालच दिया. कहा गया था कि एक सिम भेजेगा तो 2000 रुपए मिलेंगे. नारायण सिम खरीदता गया और जयपुर किसी व्यक्ति को पार्सल करता गया. करीब 8 सिम भेज चुका था. लेकिन पाकिस्तान से भारतीय सीम से कॉन्टैक्ट होते ही खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गया. फिर सीआईडी ने निगरानी शुरू की और दबोच.
बीएसएफ कैम्प की दे रहा था सूचनाएं
पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसरों ने हनीट्रैप और रुपए का लालच देकर नारायण को झांसे में लिया था. नारायण आईएसआई एजेंसी के लिए उदयपुर के बीएसएफ कैंप की जासूसी का काम दिया था. यह काम वह पिछले करीब छह महीने से कर रहा था. नारायण पहले उदयपुर में जंगल निकालने का काम करता, इसलिए उस एरिया के बारे में जानता था. नारायण वहां से अलग-अलग दिनों में कैंप की लोकेशन, वहां के ट्रेनिंग मॉड्यूल, हथियारों के फोटो, वहां के एंट्री प्वॉइंट्स, बीएसएफ जवानों-अफसरों के आने जाने का मूवमेंट के फोटो पाकिस्तान पहुंचा रहा था.
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