Rajasthan News: राजस्थान में विधान सभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत सरकार ने बेहतर पुलिसिंग के लिए बजट का पिटारा खोल दिया है. इसी कड़ी में आज एक बड़ी जानकारी सामने आई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पुलिस अधीक्षक और वृत्त कार्यालयों, नए पुलिस थानों और चैकियों के निर्माण के लिए 176.11 करोड़ रुपये और पुलिस लाइन सिरोही, छठी बटालियन आरएसी धौलपुर और मेवाड़ भील कोर खैरवाड़ा के प्रशासनिक भवनों के निर्माण के लिए 25.37 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दे दी है. प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में 26 नए थानों और 3 साइबर थानों के निर्माण के लिए 99.72 करोड़ रुपये, 16 पुलिस चैकियों के निर्माण के लिए 13.15 करोड़ रुपये, 16 पुलिस थानों के जीर्णोद्धार और पुनर्निमाण के लिए 55.02 करोड़ रुपये और 9 नवसृजित पुलिस अधीक्षक और वृत्त कार्यालयों के लिए 8.20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
साइबर थानों पर पूरी नजर
राजस्थान की सरकार इस बार साइबर अपराध को चुनौती के रूप में देख रही है. जानकारों की मानें तो सरकार के इस फैसले से बेहतर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में और मजबूती मिलेगी. सरकार का कहना है कि इन नए थानों से स्थानीय स्तर पर ही आम लोगों की समस्या का समाधान किया जा सकेगा. इसके साथ ही साइबर थानों के निर्माण से प्रदेशभर में साइबर अपराधों की भी रोकथाम हो सकेगी. उल्लेखनीय है कि गहलोत द्वारा पूर्व में साइबर थानों सहित नए पुलिस थानों, पुलिस चैकियों और प्रशासनिक भवनों के निर्माण की बजट घोषणा की गई थी.
लगातार बढ़ी हैं अपराध की घटनाएं
प्रदेश में लगातार अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में सरकार के लिए बड़ी चुनौती कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना और अपराध पर नियंत्रण बनाना है. समय-समय पर कई बार नए थानों को खोले जाने की मांग उठती रही है. सूत्रों की मानें तो सरकार चुनाव से पहले पुलिसिंग को लेकर गंभीर है. अपराध के मुद्दों को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. इसी से बचने के लिए यह पहला कदम बताया जा रहा है.
गृहमंत्री भी गहलोत ही है
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के गृहमंत्री भी है. इसलिए मुख्यमंत्री के सामने दोहरी चुनौती है. पिछले दिनों घटी कई बड़ी आपराधिक घटनाओं पर तुरंत काबू पाने का दबाव भी मुख्यमंत्री के सामने देखा गया. कई हत्याकांडों में सरकार घिरती हुई नजर भी आई. उदयपुर के कन्हैयालाल हत्या कांड ने पूरे प्रदेश में बवाल खड़ा कर दिया था. वहीं जब सीकर में राजू ठेहठ की हत्या हुई तो उस समय भी सरकार के सामने चुनौती दिखी. हालांकि, 24 घंटे में गहलोत की पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार करके दिखाया था.