(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan News: भाई के घर में CBI के छापे पर आई सीएम अशोक गहलोत की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?
सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के फार्म हाउस और दूसरे ठिकानों पर सीबीआई टीम ने आज सुबह छापेमारी की. सीबीआई टीम के 10 अधिकारी अग्रसेन गहलोत के मंडोर क्षेत्र में स्थित फार्म हाउस पहुंचे.
CBI Raid on CM Ashok Gehlot Brother Agrasen Gehlot: राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के भाई अग्रसेन गहलोत (Agrasen Gehlot) के फार्म हाउस और दूसरे ठिकानों पर आज सीबीआई ने छापेमारी की. वहीं सीबीआई के इस एक्शन के बाद अब सीएम गहलोत का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि मेरा भाई किसी तरह से राजनीति में शामिल नहीं हैं और उनका कोई कसूर नहीं है.
'भाई का राजनीति से लेना-देना नहीं'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "परिवार के लोगों का क्या कसूर है? मेरे परिवार और मेरे भाई का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. पिछले 40-45 सालों से मेरा भाई अपना खुद का व्यवसाय कर रहा है, किसी भी तरह से वो राजनीति में शामिल नहीं है."
10 टीमों ने कई जगह की छापेमारी
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के फार्म हाउस और दूसरे ठिकानों पर सीबीआई टीम ने शुक्रवार सुबह छापेमारी की. सीबीआई टीम के 10 अधिकारी अग्रसेन गहलोत के मंडोर क्षेत्र में स्थित फार्म हाउस पहुंचे. कुछ दिन पहले सीबीआई की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई थी और उसी संबंध में टीम जांच करने के लिए पहुंची. इस मामले में कई आरोपी हैं.
सीबीआई ने की पूछताछ
इस बीच पुलिस कमिश्नरेट ईस्ट के एसीपी राजेंद्र दिवाकर अपनी टीम के साथ अग्रसेन गहलोत के फार्म हाउस पर पहुंचे, जहां पर सीबीआई के ओर से पूछताछ की गई. इस मामले में पुलिस ने कहा कि हम यहां पर पता करने आए थे कि यहां पर क्या कुछ चल रहा है. ईडी के अफसरों के मुताबिक अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि, म्यूरेट ऑफ पोटाश फर्टिलाइजर के एक्सपोर्ट पर बैन होने के बावजूद निर्यात में शामिल थी. एमओपी को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) इम्पोर्ट कर किसानों को सब्सिडी पर बेचती है.
2012-13 में हुआ था खुलासा
अग्रसेन गहलोत आईपीएल के ऑथराइज्ड डीलर थे. 2007 से 2009 के बीच उनकी कंपनी ने सब्सिडाइज रेट पर एमओपी खरीदा, लेकिन उसे किसानों को बेचने की बजाय दूसरी कंपनियों को बेच दिया. उन कंपनियों ने एमओपी को इंडस्ट्रियल सॉल्ट के नाम पर मलेशिया और सिंगापुर पहुंचा दिया. डायरेक्ट्रोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने 2012-13 में फर्टिलाइजर घोटाले का खुलासा किया था. कस्टम विभाग ने अग्रसेन की कंपनी पर करीब 5.46 करोड़ रुपये की पेनल्टी भी लगाई थीय. बीजेपी ने 2017 में इसे मुद्दा बनाया था. यह मामला अब फिर से चर्चा में आ गया है.
ये भी पढ़ें