Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में चल रही है सियासी उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक और बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि राजनीति में महत्वाकांक्षा रखना वाजिब है लेकिन फर्क नजरिये का होता है.


दरअसल, सीएम गहलोत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले ही पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत की 'बड़ाई' किए जाने पर कटाक्ष करते इसे 'रोचक घटनाक्रम' बताया था. साथ ही पार्टी आलाकमान से राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर 'अनिर्णय' की स्थिति को समाप्त करने को कहा था.


'राजनीति में महत्वाकांक्षा जरूरी'
कांग्रेस पार्टी में आंतरिक चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने बारां में बिना किसी का नाम लिए कहा, "राजनीति में हर किसी की थोड़ी-बहुत महत्वाकांक्षा होती है और होनी भी चाहिए है. यह नजरिया है जिससे फर्क पड़ता है."


'सरकार के काम पर लड़ेंगे चुनाव'
सत्ताधारी दल में आंतरिक कलह का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस पर और कुछ नहीं बोलना चाहते हैं और कहा कि राज्य और देश के हित में राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि चार साल पूरे करने जा रही उनकी सरकार के खिलाफ कोई 'सत्ताविरोधी' लहर नहीं है. उन्होंने कहा कि अगला विधानसभा चुनाव सरकार के शासन, कामकाज और कल्याणकारी योजनाओं के एजेंडे पर लड़ा जाएगा.  


गौरतलब है कि कांग्रेस 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सत्ता में आई थी. तब पार्टी आलाकमान ने गहलोत को मुख्यमंत्री व पायलट को उपमुख्यमंत्री पद दिया था. हालांकि 2020 में कुछ विधायकों ने पायलट की अगुवाई में गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी. पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप से मामला सुलझा गया लेकिन पायलट को उपमुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया.


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