Udiapur News: राजस्थान में मानसून की शुरुआत हो चुकी है. कई जगह भारी बारिश हो रही है. साथ ही खेतों में हर जगह खरीफ फसल की बुआई भी शुरू हो गई है. इस सीजन में बारिश और बुआई के साथ एक और बात होती है वह हैं स्नेक बाईट (सर्प दंश), क्योंकि बारिश के समय ही स्नेक बाईट के ज्यादा मामले आते हैं. लेकिन कई लोग स्नेक बाईट और स्नेक के बारे में अनजान होते हैं, ऐसे में सर्प दंश से इनकी मौत भी हो जाती है.
काटने पड़ जाते हैं अंग
उदयपुर संभाग की बात करें तो देश मे आए जाने वाले जहरीले सांपों की प्रजातियों में से चार यहां पाए जाते हैं. इनके काटने से शरीर के अंग डेमेज हो जाते हैं, यहां तक कि जान बचाने के लिए जहां काटा है, वह अंग काटना पड़ सकता है. उदयपुर के वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर के अध्यक्ष और सर्प विशेषज्ञ चमन सिंह चौहान से जानिए इन सांपों के बारे में.
कोबरा (ब्लेक कोबरा)
उदयपुर में ब्लेक कोबरा पाया जाता है. वहीं यह स्पेक्टिकल (चश्मे का निशान वाला) चित्तौड़गढ़ के पास और मोनो स्लेट (आंख जैसा निशान वाला) गुजरात और महाराष्ट्र की तरफ पाया जाता है. इसमें निरोटॉक्सिन जहर होता है. यह एक मात्र ऐसा सांप है जो इंसान इसके पास आने पर सेंस करता है और पहले आगाह करता है. अपनी लंबाई का 50 प्रतिशत खड़ा हो जाता है और फुकार करता है. उसके पास को चला भी जाता है तो अपने फन से इंसान के शरीर पर टच करता है लेकिन काटता नहीं. लेकिन इसको दर्द हुआ, जैसे उसके शरीर पर पैर लगा दिया तो वह काटता है.
इसकी लंबाई 5.5 फिट होती है, फुंकार करता है तो 50-60 मीटर तक आवाज सुनाई देती है.
इसके 2 एमएम के दाँत होते हैं, इंजेक्शन की तरफ पोले होते हैं. वेनम इसके खाना पचाने के काम आता है. इंसान के शरीर में दांत अंदर जाते ही वेनम छूट जाता है. हर समय एक एमएम वेनम रखता है. काटते ही तुरंत हटा दे तो 50 प्रतिशत की अंदर जाता है. दांतों को बाहर निकलने के लिए पूरा एक एमएम छूट जाता है.
इस बात का रखें ध्यान
सांप के काटने के बाद व्यक्ति को कभी भी लेटाकर हॉस्पिटल नहीं ले जाएं. बाइक पर सबसे सही रहता है, क्योंकि बैठने पर घुटने और कूल्हों का ब्लॉक लग जाता है तो जहर मस्तिष्क तक देरी से पहुंचता है.
रसेल वाइपर
इसमें हिमोटोक्सिन जहर होता है. यह काट लेता है तो ब्लड को फाड़ना शुरू करता है. जैसे दूध फटता है. सही समय पर उपचार नहीं कराया तो शरीर के छेद में से खून निकलना शुरू हो जाता है जिसका कोई इलाज नहीं है. जिस अंग पर काटा उसे काटना तक पड़ जाता है.
इसका जहर किडनी और लिवर में जाता है जिससे ज्यादा समय मिलता है. काटने के बाद एक घंटे में ही उपचार कराना सही है. यह तुरंत जान तो नहीं लेता लेकिन लेकिन शहरी के अंग खत्म कर देता है. शरीर पर फफोले हो जाते हैं. इसकी फुकार 50-60 मीटर तक सुनाई देती है. आवाज कुकर की सिटी जैसी आती है. यह करीब 4 फिट लंबा होता है और 2.5 जम्प करता है. यह येलो कलर का होता है और सिर से लगाकर पूछ के हिस्से से पहले तक चेननुमा काले रंग की आकृति होती है.
शा स्केल्ड वाइपर
यह सिर्फ खेतों में ही ज्यादातर मिलता है. खेतों के पास जो बाउंड्री होती है उसमें अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए कंकरों में बैठता है. इस पर रसल वाइपर जैसी डिजाइन होती है और भूरे कलर का होता है. यह एक मात्र सांप है जिसके सिर पर प्लस का निशान होता है. यह इंसान के संपर्क में आते ही आरा मशीन पर लकड़ी कट रही ऐसी आवाज करता है. यह एक फिट से ज्यादा बड़ा नहीं होता है. इसका वेनम रसाल वाइपर जैसा हिमोटोक्सिन होता है, जो काटने पर खून का फाड़ता है.
कॉमन क्रेट
सबसे ज्यादा इसी के काटने से मौत होती है. यह इंसानों के बिस्तर में आकर सोना पसंद करता है. इंसानों की गर्मी सेंस करता है. इसके दांत बहुत छोटा होता है जिससे किसी को काटता है तो उसे मच्छर काटने जैसा लगता है. इसमें कोबरा जैसा निरोटॉक्सिन जहर होता है जिससे नींद आती है. इसके काटने के बाद नींद नहीं खुली और उपचार नहीं हुआ तो इंसान की मौत हो जाती है. यह चमकीला काले रंग का होता है और शरीर पर डबल सफेद धारी होती है. यह रात को ही निकलता है जिससे रात्रिचर सांप कहते है. यह 3.5 फिट लंबा होता है.
ये भी पढ़ें
Jaipur News: ग्वालियर से पिंक सिटी लाया गया टाइगर 'शिवाजी', जयपुर से इन जानवरों को भेजा गया