Rajasthan News: सभी जानते हैं कि मोबाइल गेम ने बच्चों की मनोवृत्ति किस तरह से खराब कर दी है. स्थिति इस हद तक बिगड़ गई है कि वे हत्या तक कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला राजस्थान बॉर्डर से सटे गुजरात के गांव में सामने आया जहां बांसवाड़ा के रहने वाले दो चचेरे भाइयों में खूनी खेल चला. फ्री फायर गेम खेलने के लिए एक ने दूसरे ही हत्या कर दी और शव कुएं में फेंक दिया. बड़ी बात यह है कि मृतक किशोर के परिजनों ने आरोपी नाबालिग के घर के बाहर पिछले 7 दिनों से शव रखा हुआ है, जिसका अब तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. राजस्थान और गुजरात की पुलिस लगातार मामले को शांत करने में लगी हुई है. 


क्या है पूरा मामला


गुजरात पुलिस ने बताया कि 12 साल का मृतक विजेश 10वीं कक्षा में पढ़ता था. पिता जीतमल वालही दामसाथ गुजरात के खेड़ा में मजदूरी करते हैं. परीक्षा खत्म होने पर वह 21 मई को छुट्टी मनाने पिता के पास गया था. वहीं, विजेश का चचेरा भाई भी वहां गया क्योंकि उसके पिता भी वहीं मजदूरी करते थे. दोनों में अच्छी दोस्ती थी. 20 मई को दोनों पास ही पानी लेने के लिए गए थे तो लौटते वक्त दोनों मोबाइल में 'फ्री फायर' गेम खेलने लगे. इसी दौरान नाबालिग ने विजेश से गेम खेलने के लिए मोबाइल मांगा. दोनों के बीच इसे लेकर झगड़ा हो गया. इससे गुस्साए नाबालिग ने विजेश के सिर में पत्थर मार दिया. 


गुजरात के पुलिस अधिकारी एचआर प्रजापति ने एबीपी को बताया कि विजेश को मरा हुआ समझकर उसकी कमर में 15 से 20 वजनी पत्थर बांध कर आरोपी ने उसे कुए में फेंक दिया. इसके बाद आरोपी बांसवाड़ा आ गया. रात को विजेश नहीं लौटा और नाबालिग का मोबाइल बन्द मिला. संदेह होने पर परिजन पुलिस थाने पहुंचे और रिपोर्ट दी. छह दिन बाद में वह बांसवाड़ा में ही मिला. पूछताछ के बाद नाबालिग ने हत्या की बात कबूल ली और पूरी कहानी बताई. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.


7 दिन से नहीं हुआ अंतिम संस्कार


घटना की खबर नाबालिग के परिजनों को लगी तो सभी घर छोड़कर भाग गए. वहीं विजेश के शव को परिजनों ने नाबालिग के घर के बाहर रख दिया और मुआवजे की मांग करने लगे. दोनों राज्यों की पुलिस मामला सुलझाने में लगी है लेकिन लेकिन 7 दिन बाद भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है.


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