Jaipur News: राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संग्राम का असर अब प्रदेश पर दिखने लगा है. जयपुर में 7 और 8 अक्टूबर को होने वाले इन्वेस्ट समिट 2022 पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस समिट के रद्द होने से दस हजार करोड़ के निवेश रद्द हो सकते हैं. साथ ही 26 हजार नौकरियों हाथ से फिसलने का खतरा बढ़ जाएगा.
10 हजार करोड़ के निवेश का था दावा
राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगे, बाहरी उधमी राजस्थान में अपना निवेश करें ताकि प्रदेश में बेरोजगारी कम हो, ओधोगिक क्षेत्रों का विकास हो, इसके लिए उद्योग मंत्रालय द्वारा विभिन्न प्रदेशों सहित विदेशों में जाकर भी उधोगपतियों से संवाद किया गया. ऐसा दावा किया जा रहा था प्रदेश में इस इन्वेस्ट समिट में करीब दस हजार करोड़ का निवेश होगा और करीब नौ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
दिल्ली से लेकर दुबई तक हुआ समिट का प्रचार
उद्योग विभाग राजस्थान ने समिट के लिए अलग-अलग कंपनियों से 4192 एमओयू -एलओआई साइन किए थे. समिट में अब कुछ ही दिन बचे हैं. और अभी तक जो जानकारी में सामने आया है 57 प्रतिशत से ज्यादा प्रस्ताव निवेशकों और सम्बंधित विभागों के स्तर पर पेंडिंग चल रहे हैं. वही 27.76 प्रतिशत प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं. वहीं पिछले समिट रिसर्जेंट राजस्थान के तहत हुए काफी संख्या के एमओयू कागजों से बाहर नहीं आ पाए हैं, जबकि उद्योग मंत्री शकुंतला रावत के नेतृत्व में इस समिट को सफल बनाने के लिए दिल्ली से लेकर दुबई तक जाकर इसका प्रचार किया और उद्योगपतियों को रिझाने के प्रयास किए. वहीं हर जिले स्तर पर भी इन्वेस्ट समिट कार्यक्रम किए गए.
रद्द हुए करोड़ों के करार
पिछले आठ महीनों में निवेशकों को विभागों की और से रेस्पॉन्स न मिलने के चलते 10,191 करोड़ रु के निवेश के 122 करार पहले ही रद्द हो चुके हैं जिनमे करीब 26 हजार लोगो को रोजगार मिलने का दावा किया गया था. इसके अलावा 100 करोड़ से ज्यादा निवेश वाले ये एमओयू करार खत्म हो गए हैं. भिवाड़ी में 500 करोड़ के एमओयू में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, भीलवाड़ा में 2500 करोड़ की लागत से स्टील मैन्युफैक्चरिंग प्लांट व 250 करोड़ की लागत से टैक्सटाइल बिजनेस एलओआई हुए थे. इसके अलावा बीकानेर में 150 करोड़ की लागत से इथेनॉल मैन्युफैक्चरिंग का एलओआई हुआ था.
कार्यक्रम में देरी के चलते नहीं लौटे निवेशक
अजमेर में 5 हजार करोड़ का सेरेमिक टाइल्स स्टोन प्लांट व 300 करोड़ का टेक्सटाइल एंड कॉटन क्लॉथ प्लांट का एलओआई हुआ. इस मामले में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कोरोना के चलते इन्वेस्ट समिट कार्यक्रम में देरी होने के चलते कुछ निवेशक बाहर हो गए हैं वे वापिस नहीं जुड़ पाए है.
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