Rajasthan News: साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान के हर जिले में साइबर थाने खोले जाने वाले हैं. इसके लिए राजस्थान सरकार ने मंजूरी भी दे दी है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम और साइबर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिये राज्य सरकार ने शुक्रवार को 32 जिलों में साइबर थाने खोले जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है.
जयपुर में पहले से है साइबर थाना
बता दें, राजस्थान की राजधानी जयपुर में पहले से ही साइबर थाना स्थापित कर दिया गया था. उमेश मिश्रा ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य के सभी जिलों में साइबर थाने खोले जाने से साइबर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जा सकेगी. उन्होंने कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद ही अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मंशा जाहिर की थी.
डीजीपी मिश्रा ने एक बयान में बताया कि साइबर थानों में तैनात किए जाने वाले अधिकारी और पुलिसकर्मी, संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक, जयपुर-जोधपुर के साइबर थानों के अधिकारी-पुलिसकर्मी, सभी संबंधित कमिश्नरेट के उपायुक्त (डीसीपी) के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में कार्य करेंगे. साइबर थानों के थानाधिकारी पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी होंगे.
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क्या होता है साइबर क्राइम?
किसी भी प्रकार का अपराध, जिसके लिए इंटरनेट या टेक्नोलॉजी को जरिया बनाया गया हो, उसे साइबर क्राइम कहते हैं. यह क्राइम आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता और इसलिए जल्दी बढ़ने भी लगा है. ऐसे लोग जो इंटरनेट के बारे में अच्छे से जानते हैं, वह इंटरनेट का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं. साइबर क्राइम दिन-ब-दिन नए तरीकों के साथ बढ़ रहा है और आए दिन लोगों को ठगी का शिकार बना रहा है. इसलिए जरूरी है कि हर व्यक्ति इंटरनेट क्राइम के बारे में जानकारी रखे और अपना बचाव करे.
साइबर क्राइम में आपके फोन पर आए मैसेज के जरिए भी ठगी हो सकती है. किसी लिंक पर क्लिक करने पर बैंक अकाउंट खाली हो जाना, ऑनलाइन शॉपिंग करते समय गलत जगह डिटेल्स दे देना, यह सब आए दिन देखने को मिल रहा है. अब तो फोन पर आए कॉल के जरिए भी ठग लोगों को बरगलाते हैं औऱ उनसे पैसे ऐंठे लेते हैं. इसलिए सावधान रहना जरूरी है और यह जानना भी जरूरी है कि कौन सी वेबसाइट सेफ हैं और कौन सी नहीं.
साइबर सेल की लें मदद
ऐसे में आप यह जान लें कि कभी साइबर क्राइम का शिकार होते हैं, तो तुरंत पुलिस में शिकायत करें और साइबर सेल को ठगी की सभी डिटेल्स दें.