Baran News: राजस्थान के बारां में स्थापित होगा 50 हजार लीटर क्षमता का डेयरी प्लांट, किसानों ऐसे होगा फायदा
जिले में डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से झालावाड़ डेयरी पर दूध भेजा जाता है. आने जाने के दौरान कई परेशानी का सामना करना पड़ता था.
Baran News: राजस्थान के बारां जिले में 50 हजार लीटर की क्षमता का डेयरी प्लांट स्थापित किया जाएगा. सरकार की तरफ से बारां जिला दुग्ध संघ का गठन कर दिया गया है. जिससे जल्द ही बारां जिले में 50 हजार लीटर क्षमता का डेयरी प्लांट भी स्थापित किया जाएगा. पहले झालावाड़ जिले में डेयरी प्लांट था जो बारां जिले को कवर करता था. ऐसे में नया डेयरी प्लांट स्थापित कर बारां जिले को अलग से सौगात दी गई है.
दरअसल लंबे समय से यहां के दूध उत्पादक किसानों की मांग थी कि जिले में डेयरी प्लान स्थापित किया जाए. इस कड़ी में सरकार ने डेयरी प्लांट खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं. डेरी प्लांट स्थापित हो जाने के बाद क्षेत्र के दूध उत्पादक किसानों को मुनाफे के साथ-साथ अच्छा फायदा होगा. साथ ही झालावाड़ जिले में जाकर सप्लाई करने वाले किसान बारा जिले के किसान अपने क्षेत्र में ही दूध को भेज सकेंगे.
रोज साढ़े 4 लाख लीटर दूध उत्पादन
बारां जिला कृषि प्रधान जिला है. पशु पालन विभाग के आकड़ों के मुताबिक यहां हर दिन औसतन साढ़े चार लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है. इतना उत्पादन होने के बावजूद भी जिले में दुग्ध उत्पादन, प्रोसेसिंग प्लांट, डेयरी उद्योग व्यापक स्तर पर व्यवसाय का रूप नहीं ले सका है. दूध उत्पादक किसानों ने बताया कि झालावाड़ डेयरी से भुगतान में देरी के चलते दुग्ध उत्पादकों का मोहभंग हो गया था. अब उम्मीद जगी है कि यहां पर डेयरी प्लांट लगाए जा रहा है तो युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. आमदनी बढ़ने से आमजन का जीवन स्तर भी बढ़ेगा.
5 लाख मवेशी, 30 फीसदी दुधारू
पशुपालन विभाग के अनुसार बारां जिले में 5 लाख 94 हजार मवेशी हैं. 30 फीसदी ऐसे पशु हैं जो दुधारू हैं. औसतन एक पशु ढाई लीटर दूध देता है. इस हिसाब से जिले में 4 लाख 45 हजार 500 लीटर दूध का प्रतिदिन औसत उत्पादन हो रहा है. जिले में डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से झालावाड़ डेयरी पर दूध भेजा जाता है. आने जाने के दौरान कई परेशानी का सामना करना पड़ता था. पहले सौ से ज्यादा समितियों से दूध झालावाड़ जाता था, लेकिन वहां से भुगतान में देर के चलते समितियां घाटे में गईं और दूध उत्पादक दूर होते चले गए. बारां में सिर्फ चिलिंग प्लांट हैं. जिसे दूध को लंबे समय तक रखा जा सकता है.
प्रदीप काबरा बने बारां दुग्ध संघ के अध्यक्ष
बारां दुग्ध संघ के गठन के लिए चिलिंग सेंटर बारां, ग्राम संबलपुर वन विभाग के सामने शाहबाद रोड पर आमसभा का आयोजन किया गया. जिसमें बारां जिले की दुग्ध उत्पादक, सहकारी समितियों के अध्यक्षों की ओर से संचालक मंडल के सदस्यों ने निर्विरोध बारां जिला दुग्ध उत्पादक समिति के संचालक मंडल के अध्यक्ष प्रदीप काबरा चुना है.
बारां दुग्ध संघ के पंजीकरण के बाद बारां जिले की दुग्ध समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादक सदस्यों से क्रय किए जा रहे दूध की दर का निर्धारण, समितियों को दिए जा रहे अनुदान एवं अन्य सभी सुविधाएं बारां संघ की ओर से ही दी जाएगी जो वर्तमान में झालावाड-बारां दुग्ध संघ, झालावाड़ की ओर से निर्धारित की जाती है. उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादकों की ओर से दुग्ध समितियों पर वर्तमान में दिए जा रहे दूध पर मुख्यमंत्री संबल योजना के तहत 5 रुपए प्रति लीटर, प्रबंध संचालक कोटा दुग्ध संघ की दर से अनुदान दुग्ध उत्पादकों के अतिरिक्त प्रभार झालावाड़-बारां बैंक खाते में सीधे ही दुग्ध उत्पादक किसानों को मिलता.
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