Rajasthan News: देश इस साल आजादी का अमृत महोत्सव मनाने जा रहा है, लेकिन आजादी के 75 साल भी बाद ऊंच-नीच का भेद नहीं मिट सका है. कई इलाकों में आज भी जातिवाद और छूआछूत का भेद किया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के अजमेर जिले में सामने आया है. यहां पीसांगन थाना क्षेत्र में एक दलित दूल्हे की बारात पुलिस के कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच निकाली गई. विवाह की सभी रस्में भी पुलिस पहरे के बीच संपन्न करवाई गई.
बेटी के पिता ने मांगी थी सुरक्षा
पीसांगन थानाधिकारी नरपतराम के मुताबिक, पिछली 20 जून को भांवता गांव निवासी बाबूलाल की बेटी दीपिका की शादी थी. बारात अजमेर जिले में किशनगढ़ के पास स्थित टिकावड़ा गांव से आनी थी. उसे आशंका थी कि गांव में दामाद गिरिराज की बारात निकाले जाने के दौरान विवाद हो सकता है. वह और उसका परिवार भयभीत था. शादी शांति से संपन्न हो इसलिए उसने थाने आकर मदद मांगी.
गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से निकली बारात
अजमेर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि हर नागरिक की सुरक्षा पुलिस का कर्त्तव्य है. बारात बिंदौली और विवाह में सुरक्षा के लिए पुलिस साथ रही. ग्रामीण डीएसपी मोहम्मद इस्लाम, मांगलियावास थानाधिकारी सुनील टाड़ा, गेगल थानाधिकारी नंदसिंह राजपूत व अन्य पुलिस बल गांव में मौजूद रहा. गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से गिरिराज की बारात गांव से होकर गुजरी. बाबूलाल के घर पहुंचकर उसने तोरण मारा और दूल्हा-दुल्हन के फेरे हुए. पूरी शादी शांतिपूर्ण संपन्न हुई.
दलित समाज ने जताया पुलिस प्रशासन का आभार
भांवता गांव में गिरिराज व दीपिका के विवाह में किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ. विवाह की रस्में शुरू होने से संपन्न होने तक पुलिस बल गांव में ही मौजूद रहा. विवाह निर्विघ्न संपन्न होने के बाद बाबूलाल और उनके रिश्तेदारों सहित दलित समाज ने पुलिस प्रशासन का आभार जताया. गांव में पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे भी लगाए. पुलिस ने ग्रामीणों को भरोसा जताया कि वे हर समय आमजन की सुरक्षा के लिए तैयार हैं.
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