Rajasthan Tourism: राजस्थान की वस्त्र नगरी भीलवाड़ा (Bhilwara) में स्थित ऐतिहासिक चामुंडा माता मंदिर (Chamunda Mata Temple) जन-जन की आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि माता हर भक्त की मुराद पूरी करती है. खास बात है कि यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामना दीवार पर लिखकर जाते हैं. किसी को नौकरी चाहिए या प्रेम विवाह करना हो, सभी यहां आकर अर्जी लगाते हैं. मंदिर की दीवारों पर ऐसी सैकड़ों अर्जियां लिखी हैं.


1400 साल पुराना है मंदिर
भीलवाड़ा शहर से पांच किलोमीटर दूर हरणी महादेव (Harni Mahadev) की पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर 1400 साल पुराना बताया जाता है. बढ़ते वक्त के साथ लोगों की आस्था माता के प्रति बढ़ती गई और यह मंदिर लोकप्रिय हो गया. अब यहां भीलवाड़ा शहर के साथ दूरदराज के अन्य गांव-शहरों के श्रद्धालु भी आते हैं. बताते हैं कि प्राचीन समय में गांव के लोग माता रानी का दर्शन करने के लिए पहाड़ियों पर पैदल चलकर चढ़ते थे. दर्शन का समय भी सूर्यास्त से पहले तक होता था. सुनसान होने के कारण सेवादार और पुजारी भी सूर्यास्त के बाद मंदिर में नहीं रुकते थे. वक्त के साथ बदलाव होता गया और वहां पहुंचने के लिए सीढ़ियों के बाद अब पक्की सड़क बन गई है.


नवरात्रि में लगता है मेला
चामुंडा माता मंदिर में नवरात्रि पर्व (Navratri Festival) के दौरान श्रद्धालुओं का मेला लगता है. साल में चार बार आने वाली नवरात्रि में यहां हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं. इसके अलावा प्रत्येक रविवार को भी काफी संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही रहती है. मान्यता है कि माता के दरबार में सच्चे मन से की गई मनोकामना पूरी होती है. कहते हैं कि अगर किसी को नौकरी चाहिए या प्रेम विवाह करना हो, सभी यहां आकर अर्जी लगाते हैं और सबकी मनोकामना पूरी होती है.


यह भी पढ़ें: Bharatpur: महिला के होठ और आंखों पर फेवीक्विक चिपकाकर रेप की कोशिश, गांव का ही निकला आरोपी