Ajmer News: अब बिजली चोरी करने के वाले लोगों को राजस्थान (Rajasthan)) के अजमेर में विद्युत वितरण निगम (Electricity Distribution Corporation) नए तरीके से सबक सिखाने जा रहा है. इसके लिए निगम ने तैयारी भी कर ली है. साथ ही ऐसे लोगों को चिन्हित भी कर लिया गया है. अगर चिन्हित लोगों ने दोबारा ऐसा किया तो उनके खिलाफ नए आदेश के तहत कार्रवाई की जाएगी. जिन घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों या फैक्ट्रियों में बिजली चोरी मिली है, वहां रिकवरी समेत नियमित कार्रवाई तो होगी ही, इसके साथ एक अलग प्रकार का मीटर लगाया जाएगा, जिससे शर्मिंदगी महसूस होगी.

 

बिजली निगम ने बार-बार चोरी करने वालों के घर लाल कलर का मीटर लगाने निर्णय लिया है. इसका मकसद ये है कि बिजली चोरों की पहचान हो और बार-बार चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर शिकंजा कसा जा सके. निगम का मानना है कि लाल मीटर लगने से उपभोक्ता सामाजिक शर्मिंदगी महसूस करेगा और दोबारा बिजली चोरी नहीं करेगा. प्रदेश में पहली बार होने जा रहा यह प्रयोग उदयपुर में पायलट प्रोजेक्ट की तरह होगा. इसकी तैयारियां कर ली गई हैं. डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एनएस निर्वाण ने उदयपुर के पटेल सर्किल स्थित निगम के उदयपुर वृत्त कार्यालय समीक्षा बैठक के दौरान विजिलेंस विंग के इंजीनियरों को एक्शन प्लान बताने के साथ निर्देश दिए.

 

लगेगा रंग का मीटर बॉक्स

 

उन्होंने बताया कि बिजली चोरी पकड़ी जाने पर उपभोक्ता से रिकवरी के बाद घर के बाहर मीटर बॉक्स लाल रंग का लगेगा. उसे आगे के लिए भी चेतावनी भी दी जाएगी. ऐसा मीटर बनना शुरू हो गया है और जल्दी ही इसकी शुरुआत होगी. बैठक में प्रबंध निदेशक ने कहा कि 3 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों में विद्युत चोरी पर नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं. लंबित कृषि कनेक्शन जारी करने, उपभोक्ताओं की समस्याओं के प्रभावी समाधान, उपखंडों में औसत बिलिंग 1 फीसदी तक लाने के लिए प्रभावी मॉनिटर की जाएगी.

 

वसूली करने के बाद भी नहीं हटेगा बॉक्स

 

साथ ही फील्ड में सैंपल रीडिंग चेक करने, बंद मीटर बदलने, ज्यादा लॉस वाले फीडर के लॉस कम करने और चोरी की रोकथाम के लिए हाइवे किनारे ढाबों और होटलों पर सील पैक ट्रांसफार्मर लगाने के लिए कहा गया. जिस उपभोक्ता के यहां बिजली चोरी के चलते लाल बॉक्स लगाया जाएगा. वह वसूली करने के बाद भी लगा रहेगा ताकि कर्मचारी सतर्क रहे. बिजली चोरी के सबसे ज्यादा मामले शहरी कच्ची बस्तियों में आते हैं. यहां तारों पर आंकड़ी डालकर सीधे लाइन ले लेते हैं.

 

200 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का हुआ नुकसान

 

गौरतलब है कि राजस्थान में 82 हजार केस दर्ज हुई है, जिससे विद्युत निगम को 200 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ है. हालांकि 100 करोड़ की रिकवरी की गई है. इसी नुकसान से बचने के लिए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. बैठक में मुख्य अभियंता एम.पी. एस. झाला, अधीक्षण अभियंता गिरीश जोशी, अधीक्षण अभियंता (मीटर्स) बी.एस. शर्मा और प्रबंध निदेशक के तकनीकी सहायक राजीव वर्मा मौजूद थे.

 

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