Rajasthan News: हनुमानगढ़ में वायुसेना के हेलीकॉप्टर MI-35 की हुई इमरजेंसी लैंडिंग, पायलट समेत 5 जवान सुरक्षित
MI-35 Helicopter: राजस्थान के हनुमानगढ़ में वायुसेना के हेलीकॉप्टर MI-35 की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है. तकनीकी खराबी आने के कारण हेलिकॉप्टर की आपात लैंडिंग करवाई गई.
MI-35 Helicopter Emergency Landing: राजस्थान (Rajasthan) के हनुमानगढ़ (Hanumangarh) के एक खेत में वायुसेना के हेलीकॉप्टर MI-35 (MI-35 Helicopter) की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है. तकनीकी खराबी आने के कारण हेलिकॉप्टर की आपात लैंडिंग करवाई गई. हेलीकॉप्टर में पायलट सहित सेना के 5 जवान सवार थे अचानक खेत में हेलीकॉप्टर उतरने से आसपास के लोग जमा हो गए. हेलीकॉप्टर की लैंडिंग को लेकर सूचना मिलते ही हनुमानगढ़ जिले की सदर, सगरिया और सादुलपुर शहर के थानों की पुलिस मौके पर पहुंची.
दरअसल सूरतगढ़ के एयरफोर्स स्टेशन से हेलीकॉप्टर ने मंगलवार सुबह उड़ान भरी थी. हनुमानगढ़ क्षेत्र में पहुंचने पर अचानक हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई. इस वजह से पायलट ने गांव धोलीपाल और टिक्कर वाली के बीच स्थित खेत में इमरजेंसी लैंडिंग किया.
हेलीकॉप्टर क्रैश होकर खेत में गिरने की अफवाह भी उड़ी
भारतीय वायुसेना के Mi-35 की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद भारतीय वायु सेना के जवानों ने इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी. साथ ही हेलीकॉप्टर में आई खराबी को दूर करने का प्रयास किया. इस मौके पर आसपास के क्षेत्र के लोग इकट्ठा हो गए. पुलिस ने मशक्कत कर लोगों को हेलीकॉप्टर से दूर किया. भारतीय वायुसेना के पायलट सहित पांचों जवान सुरक्षित हैं.
इस दौरान सेना के हेलीकॉप्टर क्रैश होकर खेत में गिरने की अफवाह भी उड़ी. जिस वजह से ग्रामीण खेतों की तरफ दौड़ कर देखने गये तो पता चला हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग हुई है.
MI-35 हेलिकॉप्टर रूस को कंपनी ने किया डिजाइन
यह दुश्मनों पर हमला करने के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन के काम भी आता है. कुछ साल पहले तक भारत के पास यह इकलौता अटैक हेलिकॉप्टर था. इसकी रफ्तार 335 किमी प्रति घंटा है. कुछ साल पहले तक यह दुनिया का सबसे तेज हेलिकॉप्टर माना जाता था. इस हेलिकॉप्टर में 3 क्रू मेंबर होते हैं और 2 कॉकपिट होते हैं. फ्रंट कॉकपिट हमले के लिए यूज किया जाता है. इस कॉकपिट में बैठने वाले पायलट को ऑपरेटर कहते हैं.
इसके पीछे एक और कॉकपिट होता है, जिसे रियर कॉकपिट कहते हैं. यहां से हेलिकॉप्टर की फ्लाइंग और अन्य ऑपरेशन कंट्रोल किए जाते हैं. इसके पीछे तीसरा क्रू इंजीनियर होता है. जो रियर कॉकपिट के पीछे खड़ा होकर हेलिकॉप्टर के तकनीकी पहलुओं पर नजर रखता है. हेलिकॉप्टर में एक कार्गो कंपार्टमेंट होता है जिसमें 8 लोग बैठ सकते हैं. हेलिकॉप्टर में मिसाइल हमले और राडार डिटेक्ट करने के लिए उपकरण लगे होते हैं. इसमें एक फ्रंट गन भी होती है, जो गोलियां बरसाती है.
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